Chamoli Glacier Burst: उत्तराखंड के चमोली में माणा गांव के पास शुक्रवार सुबह ऐसा बर्फीला तूफान आया कि सड़क निर्माण कार्य में जुटे 54 मजदूर इसकी चपेट में आए गए. 54 लोगों को सेना के जवानों ने निकाल लिया गया है. जिसमें से 8 की मौत हो गई. लापता मजदूरों की तलाश के लिए शनिवार सुबह 7.30 बजे से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. एक मजदूर हिमाचल चला गया था जिसकी जानकारी बाद में मिली.
उत्तराखंड के चमोली में शुक्रवार को हुए हिमस्खलन के बाद लापता श्रमिकों का पता लगाने के लिए सेना पूरी कोशिश में जुटी है. बचावकर्मियों का कहना है कि तीन कंटेनरों की खोज सबसे महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यही वे स्थान हैं, जहां ये श्रमिक ठहरे हुए थे. अब तक पांच कंटेनरों का पता लगा लिया गया है, लेकिन छह फीट गहरी बर्फ के कारण तीन कंटेनर अब भी लापता हैं. स्निफर डॉग्स की भी ली जाएगी मदद आईटीबीपी के जवान हिमस्खलन प्रभावित इलाके में रेस्क्यू अभियान में जुटे हैं.
लापता कर्मचारियों की तलाश और बचाव अभियान में तैनाती के लिए भारतीय वायुसेना युद्ध स्तर से जुटी हुई है. रेस्क्यू के लिए ड्रोन आधारित इंटेलिजेंट बरीड ऑब्जेक्ट डिटेक्शन सिस्टम को हवाई मार्ग से भेजा जाएगा. इसके साथ ही सेना की जीपीआर रडार, ग्राउंड पेनीट्रेशन रडार मंगवाए गए हैं और कंटेनरों की तलाश के लिए आर्मी के स्निफर डॉग्स की भी मदद ली जाएगा. हिमस्खलन के बाद मार्ग बाधित होने के बाद रेस्क्यू के लिए हेली की मदद ली जा रही है. 6 हेलीकॉप्टरों को रेस्क्यू में लगाया गया था.
बीते दिन सीएम धामी ने प्रभावित क्षेत्र माणा पहुंचकर हालातों का जायजा लिया था. इसके साथ ही उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने के निर्देश दिए. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी राहत-बचाव कार्य पर नजर बनाए रखी.