पुष्कर चौधरी/चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित हेमकुंड साहिब की यात्रा 25 मई से शुरू होने जा रही है. रविवार को हेमकुंड साहिब के कपाट श्रद्धालु के लिए खुल जाएंगे.इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है, जिसके लिए प्रशासन द्वारा सुरक्षा और सुविधा के विशेष इंतजाम किए गए हैं. चमोली पंज प्यारों की अगुवाई में श्री हेमकुंड साहिब यात्रा के लिए आज प्रथम जत्थे को रवाना किया जायेगा. इससे पहले लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट खोले गए.
सिख श्रद्धालुओं का जत्था गोविंदघाट पहुंचा
वहीं ऋषिकेश से पंज प्यारों की अगुवाई में सिख श्रद्धालुओं का जत्था भी गोविंदघाट पहुंच गया है. शनिवार को गोविंदघाट गुरुद्वारे में अरदास के बाद पंज प्यारे हेमकुंड साहिब के लिए रवाना होंगे. घांघरिया में रात के प्रवास करने के बाद अगले दिन रविवार को पंज प्यारों की अगुवाई में श्रद्धालु हेमकुंड के लिए रवाना होंगे. निर्धारित समय पर विधि विधान के साथ हेमकुंड साहिब के कपाट खोल दिए जाएंगे.
फूलों से हेमकुंड साहिब
हेमकुंड साहिब और अन्य तीर्थ स्थलों को फूलों से सजाया गया है. गुरुद्वारा मैनेजमेंट ट्रस्ट के अनुसार रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है लेकिन यात्री संख्या निश्चित नहीं है. गोविंदघाट घांघरिया और हेमकुंड साहिब में लंगर सेवा शुरू हो गई है. यात्रा के लिए अब तक 67377 तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया है.
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
उत्तराखंड स्थित चार धाम की तरह हेमकुंड साहिब की यात्रा के लिए भी रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है. आप अगर इस साल यहां जाने का प्लान बना रहे हैं, तो आप आधिकारिक वेबसाइट https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/ से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं.
सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक
इस गुरुद्वारे को सिख अपने सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक मानते हैं. हेमकुंड साहिब मुख्य रूप सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह को समर्पित है. बर्फ से ढकी चोटियों से घिरा खूबसूरत गुरुद्वारा दुनिया के सबसे ऊंचे गुरुद्वारों में से एक है और हिमनद झील के बगल में स्थित है.