Kedarnath Yatra 2025: केदारनाथ यात्रा शुरू होने के साथ ही इसमें अड़चन आ गई है जिसने सरकार के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. खबर है कि केदारनाथ धाम की यात्रा मार्ग में इस्तेमाल किये जाने वाले घोड़े और खच्चरों में एक्वाइन एन्फ्लूएंजा वायरस के लक्षण पाए गए हैं, जिसे देख जिला प्रशासन और सरकार अलर्ट हो गए हैं.
इस बीमारी को लेकर सचिव पशुपालन डॉ. पुरुषोत्तम ने रुद्रप्रयागर पहुंचकर जिला प्रशासन के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक में अधिकारियों से हुए विचार-विमर्श के केदारनाथ यात्रा के इस्तेमाल होने वाले घोड़े और खच्चरों पर बैन लगा दिया गया है. सोमवार को 24 घंटे के लिए ही लगाया ये बैन अगले और 24 घंटों के लिए लगा दिया गया है.
प्रतिदिन 18 हजार यात्रा लेते घोड़े-खच्चरों का लाभ
बता दें कि केदारनाथ यात्रा में करीब 8-9 हजार घोड़े खच्चरों का इस्तेमाल यात्रियों और समान को लाने ले जाने में किया जाता है. जानकारी के मुताबिक करीब 18 हजार यात्री रोज घोडे़ खच्चरों का लाभ लेते हैं. लेकिन अब इन घोड़े-खच्चरों में इन्फ्लूएंजा वायरस की शिकायत मिलने के बाद बैन से यात्री अपनी यात्रा में इनका सहारा नहीं ले पाएंगे.
क्या होता है एक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरल
यह एक विषाणुजनित बीमारी है, जो घोड़ों और खच्चरों में तेजी से फैलती है. माना जाता है कि यह बीमारी इंसानों में नहीं फैलती लेकिन घोड़े खच्चरों यह संक्रमण और पशुओं में फैल सकता है. इस बीमारी में तेज बुखार, सांस लेने में दिक्कत, खांसी और कमजोरी की शिकायत होती है. उचित इलाज नहीं मिलने पर मौत भी हो सकती है.
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