Maa Purnagiri Mela 2025: उत्तर भारत के प्रसिद्ध मां पूर्णागिरि मेले का आगाज इस वर्ष 15 मार्च से शुरू हो गई है. हर साल लाखों श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए यहां आते हैं, लेकिन इस बार का मेला उनके लिए खास होने वाला है. पहली बार श्रद्धालुओं को मां सती की नाभि के दर्शन करने का अवसर मिलेगा, जो पूर्णागिरि धाम से नदी की तलहटी तक करीब 800 मीटर लंबी मानी जाती है.
पूर्णागिरि धाम 52 शक्तिपीठों में से एक है, जहां देवी सती की नाभि गिरने के कारण इसका विशेष धार्मिक महत्व है. हालांकि, अब तक अधिकतर श्रद्धालुओं को इस नाभि के बारे में जानकारी नहीं थी. इस बार जिला पंचायत प्रशासन ने इसे प्रमुख आकर्षण बनाने का निर्णय लिया है.
मंदिर के पुजारी ने बताया कि पहले नाभि का मुंह खुला था, और श्रद्धालु इसमें सोना, चांदी, रुपये, नारियल आदि चढ़ाते थे. कालांतर में नाभि का मुंह बंद हो गया, लेकिन अब श्रद्धालु नाभि के सामने ही चढ़ावा अर्पित कर सकेंगे.
रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगाएगी नाभि
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अन्नपूर्णा चोटी पर स्थित मां पूर्णागिरि की प्रतिमा के आगे नाभि के हिस्से को विशेष रोशनी से प्रकाशित किया जाएगा, जिससे रात के समय भी दर्शन करना आसान होगा. इसके अलावा, चोटी के ऊपर लाल, पीली, नीली और हरी लाइटों से चमकता मां का चक्र स्थापित किया जाएगा, जो दूर से ही दिखाई देगा.
मेला क्षेत्र में होगा बुनियादी ढांचे का विकास
मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं
स्मार्ट कंट्रोल रूम और सीसीटीवी निगरानी तंत्र की स्थापना
बहुउद्देशीय प्रशासनिक भवन का निर्माण, जिसमें मेला मजिस्ट्रेट, मेला अधिकारी, पुलिस और चिकित्सकों के लिए विशेष सुविधाएं होंगी.
लादीगाड़ पंपिंग पेयजल योजना का निर्माण
ठूलीगाड़ और बाबलीगाड़ पंपिंग परियोजना का विकास
मां पूर्णागिरि धाम को मिलेगा पर्यटन हब का रूप
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ और कांवड़ यात्रा के बाद सबसे अधिक श्रद्धालु मां पूर्णागिरि धाम आते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए सरकार मेले को वर्षभर संचालित करने की योजना बना रही है. इसके लिए स्थायी बुनियादी ढांचों का विकास किया जाएगा ताकि श्रद्धालुओं को हर मौसम में सुविधाएं मिल सकें.
चंपावत जिले में पर्यटन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने चंपावत जिले को एक विशाल आध्यात्मिक एवं पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की प्रतिबद्धता जताई. इस दिशा में कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की घोषणा की गई.
टनकपुर में 200 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक आईएसबीटी (इंटर स्टेट बस टर्मिनल) का निर्माण
कुमाऊं के प्रमुख मंदिरों का सौंदर्यीकरण और मार्ग चौड़ीकरण (मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत)
पूर्णागिरि धाम में रोपवे निर्माण कार्य जारी, जिससे यात्रा सुगम होगी
धार्मिक और पर्यटन स्थलों को जोड़कर विशेष पर्यटन सर्किट विकसित किया जाएगा
चंपावत जिले के विकास को नई गति
चंपावत जिले को उत्तराखंड के अग्रणी जिलों में शामिल करने के लिए कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम हो रहा है.
55 करोड़ रुपये की लागत से साइंस सेंटर का निर्माण
महिला स्पोर्ट्स कॉलेज का निर्माण कार्य प्रगति पर
16 करोड़ रुपये की लागत से पॉलिटेक्निक कॉलेज का नया भवन तैयार
टनकपुर में 50 बेड के आयुष अस्पताल का निर्माण
श्यामलाताल झील के सौंदर्यीकरण के लिए 5 करोड़ रुपये की स्वीकृति
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