Rudraprayag Helicopter Fraud: केदारनाथ धाम यात्रा के लिए अयोध्या से आए 32 श्रद्धालुओं के साथ रुद्रप्रयाग जिले में भयंकर ठगी हो गई. हेलीकॉप्टर सेवा ‘पवन हंस’ के नाम पर एक फर्जी वेबसाइट के जरिए इन श्रद्धालुओं से 1.91 लाख रुपये की ठगी कर ली गई. सबसे बड़ी बात यह रही कि ना तो उन्हें टिकट मिले ना ही कोई पैसा वापस आया. पूरे दल को केदारनाथ में हेलीकॉप्टर बुकिंग का इंतजार ही करते रहना पड़ा. यह सब तब हुआ तब इन लोगों ने वहां पहुंचने से पहले ऑनलाइन वेबसाइट के जरिए बुकिंग की थी.
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा
असल में घटना एक और दो मई के बीच की है. इस टीम में शामिल एक श्रद्धालु के बेटे पीड़ित सूर्यप्रकाश मिश्रा ने गलती से फर्जी वेबसाइट के जरिए बुकिंग कर ली. सूर्यप्रकाश ने बताया कि अपने माता-पिता सहित कुल 32 लोगों की यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर टिकट बुक कराने की कोशिश की थी. इस दौरान उन्होंने इंटरनेट पर दिखाई गई एक वेबसाइट को ‘पवन हंस’ की असली वेबसाइट समझ लिया और वहां दिए गए नंबरों पर संपर्क किया. फोन कॉल और मेल के जरिए बातचीत होती रही और टिकट के नाम पर दो तीन किश्तों में 1,87,000 की राशि ट्रांसफर कर दी गई. बाद में बीमा शुल्क और अन्य चार्ज के नाम पर और पैसे मांगे गए जिससे कुल रकम 1,91,802 तक पहुंच गई.
न तो टिकट भेजे गए और न ही कोई रिफंड
सूर्यप्रकाश के मुताबिक पैसे ट्रांसफर करने के बाद न तो टिकट भेजे गए और न ही कोई रिफंड मिला. इधर जब पूरी टीम रुद्रप्रयाग पहुंच गई और टिकट नहीं दिया गया तो उनको शक हुआ और रकम वापस मांगने की बात कही. इसके बाद वेबसाइट से जुड़े ठग बार-बार आश्वासन देते रहे कि रिफंड कर दिया जाएगा लेकिन कोई रकम वापस नहीं आई. पेमेंट ट्रांजैक्शनों की जानकारी के मुताबिक यह रकम एक और दो मई के बीच Bank of Maharashtra और HDFC बैंक खातों में भेजी गई थी. सभी दस्तावेज स्क्रीनशॉट और रिकॉर्ड्स पीड़ित ने मेल के जरिए भी भेजे और साइबर पोर्टल पर शिकायत भी दर्ज की. पीड़ित के पास पैसे भेजने के रिकॉर्ड मौजूद हैं. उनसे अलग-अलग खातों पर पैसे मंगवाए गए.
पुलिस नहीं दे रही जवाब
इसके बाद इस पूरे मामले में 6 मई को ऑनलाइन कंप्लेन दर्ज की गई. जिसकी पुष्टि पीड़ित के पास उपलब्ध शिकायत नंबर 33505250007853 से हुई है. कंप्लेन के बाद रुद्रप्रयाग जिले की साइबर सेल से पुलिस प्रतिनिधि दीपक नौटियाल ने सूर्यप्रकाश से संपर्क किया और बताया कि फाइनेंशियल फ्रॉड की एक रिपोर्ट दर्ज की गई है जल्द ही जांच की जाएगी. लेकिन पीड़ित का कहना है कि सारी जानकारी देने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. उल्टा पुलिस की ओर से यही सवाल किया गया कि आपने इतनी बड़ी गलती कैसे कर दी. 20 दिन बीतने और बार-बार संपर्क करने के बाद भी पुलिस से कोई जवाब नहीं मिला.