Uttarkashi: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बादल फटने की भीषण घटना के बीच एक और चिंताजनक खबर सामने आई है. नीचले हर्षिल क्षेत्र में सेना के एक कैंप से 8 से 10 जवान लापता बताए जा रहे हैं। हालांकि, अपने साथियों के लापता होने के बावजूद भारतीय सेना के जवान युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्यों में डटे हुए हैं.
लापता जवानों की तलाश जारी
सेना के अधिकारियों ने बताया कि लापता जवानों की खोज के लिए विशेष टीमें सक्रिय हैं,वहीं दूसरी ओर बाकी सैन्य दल स्थानीय प्रशासन, SDRF और ITBP के साथ मिलकर प्रभावित गांवों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने में लगे हैं. सेना का यह साहस और समर्पण, विपरीत परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्य को सर्वोच्च मानने का प्रतीक है.
वायुसेना के हेलिकॉप्टर राहत कार्य के लिए तैयार
इधर, भारतीय वायुसेना भी राहत कार्यों में मदद के लिए पूरी तरह तैयार है. वायुसेना अधिकारियों के मुताबिक, चंडीगढ़ एयरबेस पर चिनूक, Mi-17 V5, चीता और ALH हेलिकॉप्टरों को स्टैंडबाय पर रखा गया है. इन हेलिकॉप्टरों में आवश्यक उपकरण और राहत सामग्री पहले से लोड की जा चुकी है.
खराब मौसम बना बाधा
हालांकि, खराब मौसम के कारण हेलिकॉप्टर उड़ान नहीं भर पाए हैं. जैसे ही मौसम साफ होगा, ये हेलिकॉप्टर तुरंत उत्तरकाशी के प्रभावित इलाकों के लिए रवाना कर दिए जाएंगे.
अब भी जारी है संकट की घड़ी
उत्तरकाशी के धराली गांव और आसपास के क्षेत्रों में तेज बारिश, मलबा और जलप्रलय ने भारी तबाही मचाई है। दर्जनों लोग लापता हैं और हजारों की जिंदगी खतरे में है. इस बीच सेना और वायुसेना का यह तालमेल, भारत की आपदा प्रबंधन क्षमता और मानवीय सेवा भावना का अद्भुत उदाहरण पेश कर रहा है.
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