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Uttarakhand Fire: नैनीताल से चंपावत तक आग ही आग, 24 घंटों में 47 जगहों पर धधके जंगल

Uttarakhand Forest Fire : आग की लपटें पाइंस क्षेत्र में हाईकोर्ट कॉलोनी तक पहुंच गईं हैं. आग की लपटों ने पाइंस से लेकर लड़ियाकांटा तक के जंगलों को अपनी चपेट में ले लिया है.

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Uttarakhand Forest Fire
Uttarakhand Forest Fire
Amitesh Pandey |Updated: Apr 29, 2024, 06:26 PM IST
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Uttarakhand Forest Fire :उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग बुझने का नाम नहीं ले रही है. नैनीताल-भीमताल के साथ चंपावत, चमोली औऱ हल्द्वानी में भी कई जगहों पर जंगलों में प्रचंड आग की लपटें देखी जा सकती हैं. जानकारी के मुताबिक, उत्तराखंड में 24 घंटे में 47 जगहों पर आग लगी है. इसमें  गढ़वाल क्षेत्र में 16 और कुमाऊं में 30 जगहों पर आग लगी है. 24 घंटे में 78 हेक्टेयर जंगल जल कर खाक हो गया है. उधर, जानबूझकर आग  लगाने के मामलें पुलिस ने कई जगह एफआईआर दर्ज की हैं. 

देवभूमि उत्‍तराखंड में जंगल इन दिनों आग की चपेट में हैं. धीरे-धीरे आग आबादी वाले इलाकों की ओर बढ़ रही है. वहीं, आग को बुझाने के लिए अब सेना ने मोर्चा संभाल लिया है. वायु सेना के जवान हेलीकॉप्‍टर की मदद से आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं. उत्‍तराखंड के मुख्‍यमंत्री सीएम धामी हालातों पर नजर बनाए हैं. 

आबादी वाले इलाकों में पहुंची आग 
आग की लपटें पाइंस क्षेत्र में हाईकोर्ट कॉलोनी तक पहुंच गईं हैं. आग की लपटों ने पाइंस से लेकर लड़ियाकांटा तक के जंगलों को अपनी चपेट में ले लिया है. रुद्रप्रयाग, चमोली पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत, नैनीताल, पौड़ी, टिहरी, देहरादून और उत्तरकाशी में अधिकांश जंगल जलकर राख हो गए हैं. रविवार को गढ़वाल से कुमाऊं तक आठ जगह जंगल आग की चपेट में आ गए. 

पिछले साल की तुलना में ज्‍यादा घटनाएं 
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, अब तक आग लगने की घटनाएं 600 से ज्‍यादा हो गई हैं. इसमें 200 से ज्‍यादा घटनाएं गढ़वाल में और 300 से ज्‍यादा कुमाऊं मंडल में घटी हैं. जबकि 50 से ज्‍यादा घटनाएं वन्य जीव क्षेत्र की हैं, जिससे 735 हेक्टेयर से अधिक वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है. केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के आरक्षित वन क्षेत्र में आग की 2 घटनाओं में कई हेक्टेयर जंगल चपेट में आ गया. 

धामी सरकार अलर्ट में 
वहीं, अगर पिछले साल की बात करें तो हरिद्वार छोड़कर अन्‍य सभी जिलों में मार्च अप्रैल की तुलना में इस साल ज्‍यादा आग लगने की घटनाएं बढ़ी हैं. वहीं, जंगलों में आग की घटनाओं को लेकर उत्‍तराखंड की धामी सरकार भी अलर्ट मोड में है. राज्‍य सरकार ने एनडीआरएफ की मांग की थी. 

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