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उत्तराखंड में मदरसों पर जांच की आंच, फंडिंग से लेकर बच्चों तक पूरा चिट्ठा खंगालेगी धामी सरकार

Uttarakhand News: उत्तराखंड में मदरसों की जांच का आदेश पुष्कर सिंह धामी सरकार ने दिया है. इससे तमाम मदरसों में खलबली मच गई है. मदरसा बोर्ड ने कहा है कि सभी मदरसों का सत्यापन कराया जाएगा.

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madrasa board
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Zee Media Bureau|Updated: Dec 20, 2024, 05:52 PM IST
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Uttarakhand Madrasa News: उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के सभी मदरसों के सत्यापन के साथ जांच के आदेश दे दिए हैं. मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष शमूम कासमी का कहना है कि प्रदेश में बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे मदरसों की जांच पड़ताल कराई जा रही है. इसमें मदरसों की फंडिंग से लेकर बच्चों के जन्मस्थान तक पूरा ब्योरा खंगाला जाएगा.

उत्तराखंड मदरसा बोर्ड अध्यक्ष शमूम कासमी का कहना है कि बच्चे कहां से पढ़ने के लिए आए हैं और उनकी क्या स्थिति है. ये जांच का विषय है ताकि मदरसे की सही स्थिति का पता चल सके. इसको लेकर प्रदेश सरकार लगातार काम कर रही है. जिस तरह से प्रदेश सरकार ने मदरसों की मॉनिटरिंग करने के लिए दिशानिर्देश दिया है. उनका कहना है कि ऐसे में सभी अधिकारी मदरसों की जांच में जुटे हुए हैं. दरअसल, हरिद्वार में अभी तक 32 ऐसे मदरसे मिले हैं, जो बंद पड़े हैं, इनका भी सत्यापन कराया जा रहा है कि आखिर मदरसों की फंडिंग कहां से हो रही है.

उत्तराखंड मदरसा बोर्ड अध्यक्ष शमूम कासमी ने कहा कि ये नियमित प्रक्रिया है. सरकार मदरसों के वेरीफिकेशन का उद्देश्य उनके संचालन को बेहतर बनाना है. उनकी शिक्षा प्रणाली को और बेहतर बनाना है. वो मदरसा बोर्ड पंजीकृत हैं या नहीं, इसका पता लगाना है. मदरसे में पढ़ने वाले छात्रों को सही तरीके से वित्तीय सहायता मिल रही है या नहीं, उसे सुनिश्चित करना है.

इसके पहले उत्तर प्रदेश में भी इसी तरह मदरसों की जांच हुई है. इसमें बड़ी संख्या में ऐसे मदरसे पाए गए थे, जो किसी भी मदरसा बोर्ड से मान्यताप्राप्त नहीं थे. सरकार ने इन्हें मान्यता दिलाने और उन्हें घोषित पाठ्यक्रम के तहत बच्चों को आधुनिक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए कड़े कदम उठाए हैं. 

 

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