उत्तरकाशी: उत्तराखंड का उत्तरकाशी एक बार फिर बादल फटने जैसी आपदा की चपेट में आया है. मंगलवार को उत्तरकाशी के धराली, हर्षिल और सुक्की में बादल फटा, सबसे ज्यादा तबाही का मंजर धराली में देखने को मिला है. 200 से ज्यादा घरों और करीब 900 लोगों की आबादी वाला धराली गांव बादल फटने के बाद खीरगंगा नहर ने तबाह कर दिया. बादल फटने से खीरगंगा नहर में आया सैलाब सबकुछ बहाकर ले गया. घर, दुकार और होटल माचिस की डिब्बियों की तरह बह गए.
राहत और बचाव कार्य जारी
घटना के तुरंत बाद SDRF, NDRF, आर्मी, पुलिस और राजस्व विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं और राहत व बचाव कार्य में जुट गईं. जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने हालात को बेहद गंभीर बताया है. बताया गया है कि मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका है. हालांकि 37 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है. 4 लोगों की मौत की खबर है. बताया जा रहा है कि आर्मी बेस पर तैनात सेना के 8-10 जवान भी बादल फटने के बाद से लापता हैं. लेकिन इसके बावजूद आर्मी का हौसला गिरा नहीं है. वो पूरे दमखम के साथ रेस्क्यू में जुटी है.
घर, दुकानें पहाड़ से आए सैलाब की चपेट में
धराली गांव के पास खीर गाड़ नाले में अचानक आया उफान इतनी तेजी से नीचे की ओर बहा कि बाजार, घर, दुकानें सब कुछ इसकी चपेट में आ गए. स्थानीय लोगों में डर का माहौल है और कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. वहीं जानकारी के मुताबिक 4 लोगों की मौत हो गई है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर गहरा दुख जताते हुए ट्विटर पर लिखा:
"धराली (उत्तरकाशी) क्षेत्र में बादल फटने से हुए भारी नुकसान का समाचार अत्यंत दुःखद एवं पीड़ादायक है। राहत एवं बचाव कार्यों के लिए SDRF, NDRF, जिला प्रशासन तथा अन्य संबंधित टीमें युद्ध स्तर पर जुटी हुई हैं. वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार संपर्क में हूं और स्थिति की गहन निगरानी कर रहा हूं. ईश्वर से सभी के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं."
प्रशासन की लोगों से अपील
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों और नालों के पास न जाएं और सतर्क रहें. हर्षिल क्षेत्र में खीर गाड़ का जलस्तर अभी भी बढ़ा हुआ है, जिससे आगे भी नुकसान की आशंका बनी हुई है.
उधर, भारी बारिश और बादल फटने की घटनाएं न केवल उत्तराखंड, बल्कि हिमाचल प्रदेश में भी लगातार सामने आ रही हैं. बीते कुछ दिनों में पहाड़ी राज्यों में मौसम का कहर कई जिंदगियों को लील चुका है और दर्जनों घर बर्बाद हो चुके हैं.
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