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पहाड़ों को चीरकर IIT मद्रास पहुंचा अतुल! इमोशनल कर देगी केदारनाथ में घोड़े-खच्चर चलाने वाले लड़के की कहानी

Kedarnath Horseboy turns IITian: कहते हैं अगर इरादा मजबूत हो तो सपनों को उड़ान जरुर मिलती है. इसे रुद्रप्रयाग के अतुल कुमार ने सच कर दिखाया है. पढ़िए अतुल के सक्सेस जर्नी...

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Kedarnath Yatra
Kedarnath Yatra
Pooja Singh|Updated: Jul 19, 2025, 11:10 AM IST
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Kedarnath Horseboy turns IITian: 'सफलता उन्हीं को मिलती है जो हार नहीं मानते' इस कहावत को रुद्रप्रयाग के अतुल कुमार ने सच कर दिया है. अतुल ने आईआईटी JAM 2025 में ऑल इंडिया 649वीं रैंक हासिल की है. अब आईआईटी मद्रास में वह सेलेक्ट हो गए हैं. जहां अतुल एमएससी मैथमेटिक्स की पढ़ाई करेंगे. वह 22 जुलाई को फिजिकल और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए संस्थान रवाना होंगे. 

कौन हैं अतुल कुमार?
आपको बता दें, 22 साल के अतुल कुमार केदारनाथ यात्रा के दौरान घोड़े-खच्चर चलाकर अपने परिवार का पेट पालते थे. जानकारी के मुताबिक, अतुल रुद्रप्रयाग के बसुकेदार तहसील के बीरों देवल गांव के हैं. इससे पहले वह उत्तराखंड बोर्ड की 12वीं परीक्षा में 21वीं रैंक हासिल की थी. जबकि, वह 10वीं में 17वीं रैंक पर थे. अतुल के परिवार में माता-पिता, बड़ी दीदी, छोटा भाई और बहन हैं. 

कैसे चलता है परिवार का खर्च?
अतुल की बड़ी बहन की शादी हो गई है. लंबे समय से उनके पिता ओमप्रकाश केदारनाथ यात्रा में घोड़े-खच्चर चलाकर अपने परिवार का पालन करते हैं. जबकि, उनकी मां संगीता देवी गृहिणी हैं. अतुल की माने तो केदारनाथ यात्रा पर ही उनका परिवार निर्भर है. 2018 से ही वह भी घोड़-खच्चर चलाकर अपने पिता की मदद करते हैं.

कैसे करते थे अतुल पढ़ाई?
जब अतुल को पढ़ाई और परीक्षा की तैयारी करनी होती थी, तब उनका छोटा भाई घोड़े-खच्चर चलाने का बोझ उठाते थे. अतुल ने बताया कि कई बार ऐसा हुआ कि परिवार के पास खाने के लिए भी व्यवस्था नहीं थी, तब भी परिजनों ने उनके लिए कॉपी, पेन जैसे इंतजाम किए. अतुल गढ़वाल विवि में बीएससी अंतिम वर्ष के स्टूडेंट हैं.

कैसे की परीक्षा की तैयारी?
अतुल ने बताया कि उन्होंने खुद पढ़ाई करके फरवरी में आईआईटी जैम परीक्षा दी थी. गढ़वाल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान उन्होंने अलग से चार-पांच घंटे की पढ़ाई की. IIT JAM राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है, जो आईआईटी, भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) में एमएससी और अन्य पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में दाखिलों के लिए होती है. 

अतुल की माने तो उन्हें यकीन नहीं था कि बाबा केदारनाथ का आशीर्वाद इस तरह मिलेगा. उन्हें टीचर्स और दोस्तों से काफी सपोर्ट मिला.  

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