Noida Airport: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के ट्रेनिंग रूम का नाम तय हो गया है. इस एयरपोर्ट के ट्रेनिंग रूम का नाम भारत की पहली फाइटर पायलट स्क्वॉड्र्न लीडर अवनी चतुर्वेदी के नाम पर रखा जाएगा. इतना ही नहीं एक अन्य रूम का नाम नीरजा भनोट के नाम पर रखा जाएगा, जिन्होंने 1986 में आतंकियों से यात्रियों की रक्षा करते हुए खुद को कुर्बान कर दिया था. अब इस पहल से महिलाओं को प्रेरणा मिलेगी. इसका प्रस्ताव एयरफोर्स के पास आया था, जिसे मंजूरी मिल गई है. सूत्रों की मानें तो प्रस्ताव में कहा गया था कि इससे लोगों को प्रेरणा मिलेगी.
कौन हैं अवनी चतुर्वेदी?
मध्य प्रदेश के सतना जिले के कोठीकंचन गांव में जन्मीं अवनी चतुर्वेदी का पूरा परिवार ही देश की सेवा में है. अवनी ने अपनी शुरुआती शिक्षा मध्यप्रदेश के शहडोल जिले से पूरी की और आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने राजस्थान का रुख कर लिया, जहां से उन्होंने वनस्थली विश्वविद्यालय से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की. अवनी के पिता भी मध्य प्रदेश सरकार के जल संसाधन विभाग में इंजीनियर हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अवनी के मामा भारतीय सेना के रिटायर्ड कर्नल हैं, जबकि उनके भाई निरभ सेना में कैप्टन हैं.
यह भी पढ़ें: UP News: कौन हैं आगरा की आईएएस मेधा रूपम, पिता बने मुख्य चुनाव आयुक्त, दामाद भी उत्तर प्रदेश में अफसर
कब मिला था मौका?
इंडियन एयरफोर्स में जून 2016 में पहली बार तीन महिलाएं फाइटर पायलट के तौर पर शामिल हुई थीं. इसमें अवनी चतुर्वेदी, भावना कंठ और मोहना सिंह शामिल थीं. जुलाई 2016 में अवनी चतु्र्वेदी को फ्लाइंग ऑफिसर चुना गया. उनके साथ उनकी दो बैचमेट भी फ्लाइंग ऑफिसर बनी थीं. गौरतलब है कि साल 2016 से पहले भारतीय वायुसेना में महिलाओं को फाइटर प्लेन उड़ाने की इजाजत नहीं थी. 2016 के बाद ही सरकार की ओर से महिलाओं के लिए लड़ाकू विमान क्षेत्र खोल दिया गया था. अवनी चतुर्वेदी जापान में हुए युद्धाभ्यास का हिस्सा भी बनीं. विदेश में युद्धाभ्यास में शामिल होने वाली वह पहली इंडियन एयरफोर्स की महिला पायलट भी बनीं. स्क्वाड्रन लीडर अवनी चतुर्वेदी सुखोई-30 फाइटर जेट उड़ाती हैं.
कौन थीं नीरजा भनोट?
नीरजा भनोट पैन ऍम एयरलाइन्स की फ्लाइट अटेंडेंट थीं. 5 सितंबर 1986 को मुंबई से न्यूयॉर्क जा रही फ्लाइट 73 में भनोट फ्लाइट अटेंडेंट थीं. इस विमान को जब आतंकियों ने हाईजैक किया, तो वह यात्रियों की सहायता और सुरक्षा कर रही थीं. इसी दौरान नीरजा भनोट को आतंकियों ने गोली मार दी. जिससे उनकी जान चली गई.