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UP News: नोएडा एयरपोर्ट से उड़ेंगे यात्री विमान और ग्रेटर नोएडा में गरजेगा राफेल, शहर को मिलेगा तोहफा

UP News: ग्रेटर नोएडा के जेवर स्थित नोएडा एयरपोर्ट परिसर में डसॉल्ट इंडियन एयरफोर्स के लड़ाकू विमान की मरम्मत और रखरखाव करेगी. इसके लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी. यहां युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी. पढ़िए पूरी डिटेल...

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Pooja Singh|Updated: Apr 16, 2025, 12:24 PM IST
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UP News: ग्रेटर नोएडा के जेवर स्थित नोएडा एयरपोर्ट परिसर में फ्रांसीसी एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी डसॉल्ट एविएशन एक शैक्षणिक और ट्रेनिंग सेंटर बनाना चाहती है. इस सेंटर में स्टूडेंट्स को एयरक्राफ्ट से संबंधित स्किल की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके साथ ही कंपनी में अप्रेंटिंस के मौके दिए जाएंगे. इतना ही नहीं यहां लड़ाकू विमान राफेल और मिराज की मरम्मत और रखरखाव करेगी. यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) डसॉल्ट कंपनी की ओर से दिए गए इस प्रस्ताव की समीक्षा कर रहा है. प्राधिकरण ने डसॉल्ट से पूछा है कि इस सेंटर के लिए कितनी जमीन की जरूरत होगी.

कौशल विकास केंद्र खोलने की योजना
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो डसॉल्ट सेंट्रल मिनिस्ट्री ऑफ स्किल डेवलेपमेंट और डिफेंस के साथ मिलकर एक कौशल विकास केंद्र खोलने की योजना बना रहा है. YEIDA हाई स्कूल और पॉलिटेक्निक के स्टूडेंट्स के लिए एयरोनॉटिक्स कोर्स लाने की तैयारी है. इतना ही नहीं एयरक्राफ्ट रिपेयर और मेनटेनेंस (MRO) पर केंद्रित एक विश्वविद्यालय भी बनाना चाहते हैं. डसाल्ट का प्लान है कि वह 10वीं पास करने वाले स्टूडेंट्स के लिए एयरक्राफ्ट मेनटेननेंस के लिए तीन साल का कोर्स और एक साल का डिप्लोमा देगा. जबकि, 12वीं पास करने वाले स्टूडेंट्स यहां से एयरक्राफ्ट मैंटेनेंस में बीएससी कर सकेंगे. 

स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा
रिपोर्ट्स के मुताबिक, डसॉल्ट को आगामी नोएडा एयरपोर्ट के दूसरे फेज के तहत आरक्षित 1365 हेक्टेयर इलाके में जमीन दी जा सकती है. यह इलाका एमआरओ हब और अन्य विमानन सुविधाओं के लिए है. एमआरओ हब की स्थापना से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने और रोजगार के मौके पैदा होने की उम्मीद है. डसॉल्ट तीन से चार अन्य शीर्ष एयरक्राफ्ट मेन्यूफेक्चरर के साथ मिलकर उसी इलाके में एमआरओ इकाइयां स्थापित करने के लिए भी चर्चा कर रहा है. डसॉल्ट नागरिक और सैन्य दोनों तरह के विमानों के मेनटेनेंस का काम करेगा. 

12 फीसदी तक सब्सिडी मिलने की संभावना
रिपोर्ट की मानें तो भारत का एमआरओ बाजार 2021 में 1.7 बिलियन डॉलर का था और 2030 तक इसके 7 बिलियन डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है. इस दौरान भारत में नागरिक विमानों की संख्या 700 से बढ़कर 1100 से ज्यादा होने की उम्मीद है. इसके समर्थन के लिए योगी सरकार एक स्पेशल एमआरओ नीति शुरू की है. इसके तहत एमआरओ सुविधाएं स्थापित करने वाली कंपनियों को उनके निवेश के आधार पर 5 फीसदी से 12 फीसदी तक की सब्सिडी मिलने की संभावना है. 

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