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Dudheshwar Nath Temple: रावण ने भी की थी इस शिव मंदिर में पूजा, गाय माता ने की थी शिवलिंग की खोज

Dudheshwar Nath Temple: गाजियाबाद के दूधेश्‍वर नाथ मंदिर की बहुत मान्यता है. इससे जुड़े रोचक तथ्‍य हैरान कर देते हैं. इस मंदिर का संबंध त्रेतायुग से भी है. और यहां पर एक कुंआ है जिसमें दूध जैसा पानी निकलता है. दूधेश्‍वर नाथ मंदिर में भोलेनाथ के दर्शन करने से सारे कष्‍ट दूर हो जाते हैं. जानें इस मंदिर के रोचक तथ्य.

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Dudheshwar Nath Temple
Dudheshwar Nath Temple
Preeti Chauhan|Updated: Aug 02, 2024, 09:14 AM IST
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Dudheshwar Nath Temple: सावन का माह भगवान शिव का प्रिय महीना होता है. इस पूरे माह में शिव भक्त पूरे भक्ति-भाव से शिव की आराधना करते हैं. देश में बहुत से शिव मंदिर हैं जो अपने आप में कई इतिहास समेटे हुए हैं. 2 अगस्‍त 2024 को सावन शिवरात्रि के दिन कांवड यात्री पवित्र नदियों के जल से शिव जी का अभिषेक कर रहे हैं और इसके साथ ही कांवड़ यात्रा संपन्‍न होगी. गाजियाबाद का दूधेश्वर नाथ मंदिर काफी प्राचीन मंदिर है. यहां पर हमेशा भक्तों की भारी भीड़ रहती है. सावन के दिनों में ये संख्या बहुत बढ़ जाती है. आइए जानते हैं इस मंदिर से जुड़े कुछ रोचक तथ्य.

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लंकापति रावण ने भी की थी यहां पूजा
दूधेश्वर नाथ मंदिर 9Dudheshwar Nath Temple) के लोगों की ऐसी मान्यता है कि रावण के पिता विश्वश्रवा यहां आकर पूजा किया करते थे. दूधेश्वर नाथ मंदिर में आज भी वह गुफा मौजूद है, जहां रावण और उसके पिता आकर पूजा किया करते थे. वहीं कुछ कथाओं के मुताबिक रावण का पैतृक गांव बिसरख गांव यहां से कुछ ही दूरी पर है. मंदिर में पूजा अर्चना के लिए आने के लिए गुफा का रास्ता बना हुआ था, जिसमें होकर वह अपने पैतृक गांव बिसरख से विश्वनाथ मंदिर पूजा अर्चना करने के लिए आते थे.  ये गुफा अभी बंद है. इस गुफा को अब एक कमरे का रूप दे दिया गया है, जहां मंदिर के महंत और मुख्य पुजारी साधना किया करते हैं.

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गाय माता ने खोजा था शिवलिंग 
दूधेश्‍वर नाथ मंदिर को लेकर एक कथा प्रचलित है कि कई साल पहले एक गाय रोज एक खास जगह पर जाकर दूध गिराती थी.जब ये घटना गाय के मालिक ने लंबे समय तक देखी तो वो हैरान रह जाता था कि कैसे गाय रोज एक ही जगह पर जाती है और वहां पहुंचते ही दूध की धार बन जाती है. गाय के मालिक ने ये बात गांव को लोगों को जाकर कही. तब सभी मिलकर दसनामी जूना अखाड़े के एक सन्यासी के पास गए. महात्‍मा के कहने पर उस जगह खुदाई की गई तो वहां पर शिवलिंग मिला. फिर इस शिवलिंग की विधि-विधान से स्‍थापना की गई और यह मंदिर आज भी है.

मंदिर में अनोखा कुआं

मंदिर के पास में एक जल का स्त्रोत भी मिला जो आज कुएं के रूप में है. इस कुएं का पानी अदूभुत है क्योंकि यहां का पानी कभी मीठा तो कभी दूध जैसा होता है. ये मठ में आज भी स्थित हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. zeeupuk इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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