Ghaziabad News: गाजियाबाद में हरनंदीपुरम का रास्ता साफ हो गया है. इस योजना के लिए जमीन की दरें भी तय हो गई है. इसके लिए सर्किल रेट से चार गुना दाम पर जमीन की खरीदी जाएगी. दरअसल, शनिवार को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की अहम बैठक हुई. जिसमें हरनंदीपुर योजना के लिए क्रय दर निर्धारित की गई. पहले चरण में पांच गांव शामिल हैं, जिनमें मथुरापुर, नगला फिरोजपुर, शमशेर, चंपत नगर और भनेड़ा खुर्द गांव शामिल हैं. यह बैठक महात्मा गांधी सभागार, कलेक्ट्रेट जिलाधिकारी दीपक मीणा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई.
यूपी के किसानों की मौज!
इन गांवों की कुल 336.8444 हेक्टेयर जमीन वहां के सर्किल रेट से चार गुना ज्यादा कीमत पर खरीदी जाएगी. नगला फिरोज मोहनपुर गांव की सबसे अधिक 192.6514 हेक्टेयर जमीन 7,200 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से लेंगे. इसमें नगला फिरोज मोहनपुर का सर्किल रेट सबसे ज्यादा 1,800 रुपये प्रति वर्ग मीटर मिला. वहीं, चंपत नगर का सर्किल रेट सबसे कम 1,010 रुपये प्रति वर्ग मीटर है. मथुरापुर गांव का सर्किल रेट 1020 रुपये, भनेड़ा खुर्द गांव का 1,060 रुपये और शमशेरा गांव का 1,690 रुपये प्रति वर्ग मीटर है. खबरों की मानें तो प्राधिकरण आगामी वित्तीय वर्ष में जमीन खरीदने पर 1200 करोड़ रुपये खर्च करेगा. इसमें 400 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत शासन ने प्राधिकरण को भेजे हैं, जबकि 800 करोड़ रुपये जीडीए खर्च करेगा.
जीडीए की महत्वाकांक्षी योजना
यह योजना गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है. इसके लिए हाल ही में सरकार ने पहली किस्त के रूप में 400 करोड़ रुपये दी थी, लेकिन पिछले 5-6 महीने से प्राधिकरण लगातार किसानों और भू-स्वामियों से कर की दर के संबंध में बातचीत कर रहा था. जिसकी वजह से किसानों ने ज्यादा रुपयों की मांग की थी और विकसित भूखंड देने के लिए भी प्राधिकरण के सामने शर्त रखी गई थी, लेकिन अब गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने इस योजना के तहत पहले आठ राजस्व गांव चिह्नित किए थे, जिनमें पहले चरण में पांच राजस्व- मथुरापुर, नगला फिरोजपुर, शमशेर, चंपत नगर और भनेड़ा खुर्द गांव की जमीन खरीदने का फैसला किया.
आपसी सहमति से होगा बैनामा
रिपोर्ट्स की मानें तो 18 सितंबर 2024 को जिलाधिकारी ने जनपद के सर्किल रेट का पुनरीक्षण किया था. वहीं पुनरीक्षित सर्किल रेट के चार गुना में जमीन खरीदने का फैसला किया गया है. जिसके बाद प्राधिकरण ने अपने बोर्ड के जरिए जमीन खरीदने के लिए आने वाले व्यय का अनुमोदन लेते हुए आगे की कार्यवाही की करेगा. योजना के तहत गाजियाबाद विकास प्राधिकरण एक समय सीमा निर्धारित करते हुए आपसी सहमति से बैनामा कराएगा. फिर जमीन लेगा. अगर समय सीमा में जमीन नहीं मिल पाती है, तो अधिग्रहण की कार्यवाही की जाएगी. इस योजना से गाजियाबाद और दिल्ली-एनसीआर के लोगों को हाईटेक आवासीय सुविधाएं मिलेंगी. इतना ही नहीं यहां सड़क, जल आपूर्ति, सीवरेज, पार्क, कम्युनिटी सेंटर जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी.
अपने मकान का सपना होगा साकार
इसके अलावा बेहतर वातावरण और व्यवस्थीत आवासीय कॉलोनियों का निर्माण होगा. इस योजना के तहत खरीदी गई जमीन पर व्यावसायिक केंद्रों, शैक्षणिक संस्थानों, स्वास्थ्य सेवाओं और मनोरंजन स्थलों के विकास की भी योजना बनाई गई है. किसानों और भू-स्वामियों को उनकी जमीन का सही मुआवजा मिलेगा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर बनेगी. योजना से नए रोजगार के अवसर मिलेंगे. माना जा रहा है कि गाजियाबाद और दिल्ली-एनसीआर में अपना मकान बनाने वालों के सपने साकार होंगे.
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