गाजियाबाद: आगामी कांवड़ यात्रा के मद्देनज़र गाजियाबाद में ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए पुलिस-प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है. 11 जुलाई से दिल्ली-मेरठ रोड और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (डासना से मेरठ तक) पर भारी वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी है. इसके अलावा, 15 जुलाई से इन मार्गों को वन-वे करने की योजना भी बनाई गई है.
बुधवार को अंतरराज्यीय समन्वय बैठक में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आलोक प्रियदर्शी ने पीपीटी के माध्यम से रूट डायवर्जन और अन्य प्रमुख बिंदुओं पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि कांवड़ यात्रा के शांतिपूर्ण संचालन के लिए भारी वाहनों को गंगनहर पटरी और पाइपलाइन मार्ग पर भी पूरी तरह से रोकने की योजना है. सावन के पहले सोमवार से दूधेश्वरनाथ मंदिर के आसपास जीटी रोड को भी बंद किया जा सकता है.
वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था
रूट डायवर्जन के तहत दिल्ली से आने वाले वाहन अब चौधरी चरण सिंह मार्ग (रोड नंबर-58) होते हुए यूपी गेट से एनएच-9 का प्रयोग करेंगे. हरिद्वार, अमरोहा, मुरादाबाद और लखनऊ जाने वाले वाहन एनएच-9 से डासना के रास्ते ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का उपयोग करेंगे, बुलंदशहर और हापुड़ से गाजियाबाद शहर आने वाले वाहन सीधे शहर में प्रवेश न कर एनएच-9 के जरिए दिल्ली जाएंगे.
सुरक्षा और सुविधा के खास इंतजाम
यात्रा मार्ग पर ट्रांसफार्मर व बिजली के खंभों को प्लास्टिक से कवर किया जा रहा है. मुख्य अभियंता मेरठ जोन प्रथम मुनीश चोपड़ा के नेतृत्व में टीमों ने कांवड़ मार्ग का निरीक्षण किया. मोदीपुरम फ्लाईओवर और एनएच-58 पर सड़कों की मरम्मत भी युद्धस्तर पर जारी है.
खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता पर विशेष जोर
खाद्य सुरक्षा विभाग ने कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाले ढाबों और रेस्टोरेंट्स की जांच की है. मांस, मछली, अंडे से संबंधित कारोबार पर पूर्ण रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं.साथ ही प्लास्टिक उपयोग पर भी पाबंदी रहेगी.
प्रशासन की इस तैयारियों का मकसद श्रद्धालुओं को सुरक्षित, सुगम और स्वच्छ यात्रा प्रदान करना है.
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