Gorakhpur News: किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए पढ़ाई के घंटे गिनने की नहीं लक्ष्य के मुताबिक पढ़ाई करने की जरूरत होती है. उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की रहने वाली नौशीन ने सिविल सेवा परीक्षा में नौवीं रैंक हासिल कर इस बात को प्रमाणित कर दिया है. अपनी उपलब्धि की कहानी साझा करने के दौरान नौशीन ने यही सलाह उन अभ्यर्थियों को भी दी, जो इस परीक्षा के जरिये अपने लक्ष्य को हासिल करने में जुटे हुए हैं.
चौथे प्रयास में मिली सफलता
नौशीन ने बताया कि उन्हें यह सफलता उनके चौथे प्रयास में मिली है. पहले दो प्रयास में वह साक्षात्कार तक भी नहीं पहुंच सकीं थीं. और फिर तीसरे प्रयास में जब नौशीन प्रारंभिक परीक्षा में फेल हुईं तो उनके लिए यह एक निराशा की स्थिति बन गई थी. लेकिन तब वह हार न मानते हुए एक बार फिर दृढ़ निश्चय और पूरे उत्साह के साथ लक्ष्य साधने में जुट गईं और चौथे प्रयास में अब टॉपरों की सूची में शामिल हो गईं.
कुशीनगर की हैं रहने वाली
नौशीन मूल रूप से गोरखपुर के कुशीनगर क्षेत्र के पिपरा कनक गांव के मठिया टोला की रहने वाली हैं. नौशीन ने प्रारंभिक शिक्षा गोरखपुर के रैंपस स्कूल से पूरी कर दिल्ली विश्वविद्यालय के एसजीटीबी खालसा कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की. इसके बाद वह सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जुट गईं. नौशीन ने बताया कि उन्हें इस बात की काफी खुशी है कि उन्होंने यह सफलता बिना किसी कोचिंग के खुद की बनाई अध्ययन रणनीति से हासिल की है. उनके पिता आकाशवाणी के सहायक निदेशक (अभियांत्रिक) के पद पर कार्यरत हैं. नौशीन अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता अब्दुल कयूम, मां जेबा खातून, बहन नगमा और भाई अकरम को देती हैं. नौशीन ने बताया कि उन्हें सफलता मिलने की पूरी उम्मीद थी, लेकिन नौवीं रैंक हासिल होने को लेकर वह व परिवार उत्साहित हैं.
भावी अभ्यर्थियों को दिए टिप्स
उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जुटे भावी अभ्यर्थियों को भी यही टिप्स दिए कि खुद की रणनीति बनाकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करें, क्योंकि हर किसी की अपनी क्षमता और शैली होती है. प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा की तैयारी के तरीके के सवाल पर नौशीन ने बताया कि इसके लिए उन्होंने अध्ययन को कभी विश्राम नहीं दिया और इसे लेकर खुद की बनाई रणनीति पर भरोसा किया था.
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