Sitapur Hindi News: लखनऊ हाईकोर्ट ने कांग्रेस सांसद राकेश राठौर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने सांसद को दो सप्ताह के भीतर निचली अदालत में समर्पण करने का आदेश दिया है और निचली अदालत को निर्देश दिया है कि उनकी जमानत याचिका पर बिना देरी के सुनवाई की जाए.
यह याचिका न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की पीठ में सुनी गई. इससे पहले सीतापुर की अदालत ने भी उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
क्या है पूरा मामला?
सीतापुर की नगर कोतवाली पुलिस में कांग्रेस सांसद राकेश राठौर के खिलाफ दुष्कर्म और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज है. पीड़िता ने आरोप लगाया कि 2018 में उनकी मुलाकात तत्कालीन विधायक राकेश राठौर से हुई थी. राकेश ने राजनीतिक संरक्षण और करियर में सहयोग का आश्वासन देकर उनसे नजदीकियां बढ़ाईं. कुछ समय बाद सांसद ने उन्हें तैलिक महासंघ का महिला जिलाध्यक्ष बनाया और विश्वास जीतने के बाद मार्च 2020 में उनके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए.
पीड़िता के वकील ने क्या कहा?
पीड़िता के वकील का कहना है कि सांसद एक दबंग नेता हैं, जिनके डर से पीड़िता ने मामला दर्ज कराने में देरी की. वहीं, राठौर के वकील ने तर्क दिया कि यह मामला राजनीतिक द्वेष के चलते दर्ज कराया गया है.
जब मामला सुर्खियों में आया, तो सांसद की पत्नी ने मंगलवार को मीडिया के सामने आकर अपने पति को निर्दोष बताया और न्यायपालिका पर पूरा विश्वास जताया.
पुलिस का एक्शन
पुलिस ने मंगलवार को सांसद के आवास पर शोकॉज नोटिस जारी किया. इसके तहत सांसद को अगले 48 घंटों के भीतर कोतवाली में उपस्थित होकर अपना बयान दर्ज कराना होगा.
यदि सांसद पहले नोटिस पर बयान दर्ज नहीं कराते, तो दूसरा नोटिस जारी होगा और इसके बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
अब क्या होगा?
सांसद को 2 हफ्ते में सरेंडर करना होगा.
निचली अदालत को उनकी जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई करनी होगी.
पुलिस जांच के आधार पर आगे की कानूनी प्रक्रिया चलेगी.
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