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महराजगंज में आस्था से खिलवाड़! पनीर रोल की जगह दिया चिकन, फर्जी पहचान से चलाई जा रही थी दुकान

Maharajganj Latest News: महराजगंज से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक युवक को पनीर रोल के नाम पर चिकन रोल खिला दिया गया. हैरानी की बात यह है कि यह दुकान फर्जी पहचान के साथ चलाई जा रही थी. 

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Maharajganj News
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Zee Media Bureau|Updated: Jul 14, 2025, 12:25 PM IST
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Maharajganj Hindi News/अमित त्रिपाठी:  उत्तर प्रदेश के महराजगंज से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने आस्था और विश्वास को गहरी ठेस पहुंचाई है. सावन के पावन महीने में एक हिंदू युवक को पनीर रोल के नाम पर चिकन रोल परोस दिया गया, जिससे क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया.

दुकान की पहचान छिपाकर चलाया जा रहा था काम
जानकारी के अनुसार, नौतनवा कस्बे में "एकता रोल कॉर्नर" नाम से एक दुकान चलाई जा रही थी, जिसका मालिक शमीम अहमद है. आरोप है कि शमीम ने दुकान की असली पहचान और अपना नाम जानबूझकर छिपाया था. दुकान के बाहर न तो सही पता लिखा था और न ही मोबाइल नंबर, जिससे ग्राहक को किसी प्रकार का संदेह न हो.

पनीर रोल की जगह चिकन रोल
घटना उस वक्त हुई जब देवेश साहनी नामक युवक अपने भाई के साथ मुंबई जाने के लिए नौतनवा आया हुआ था. भूख लगने पर उन्होंने "एकता रोल कॉर्नर" से पनीर रोल का ऑर्डर दिया. लेकिन दुकान पर मौजूद मुस्लिम कर्मचारी तुफैल अहमद ने उन्हें पनीर की जगह चिकन रोल परोस दिया. देवेश को जब इस बात का पता चला तो उसने इसे सावन माह में आस्था के साथ धोखा बताया. उन्होंने कहा कि यह सरासर उनकी धार्मिक भावना के साथ मज़ाक है और जानबूझकर उन्हें मांस परोसा गया.

बजरंग दल की सक्रियता और पुलिस कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस को सूचित किया. मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी तुफैल अहमद को हिरासत में लिया और नौतनवा कोतवाली ले गई. पूछताछ के दौरान आरोपी ने अपनी गलती स्वीकार की और माफी मांगी.
देवेश साहनी ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के बावजूद मानवता का परिचय देते हुए आरोपी को माफ कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने तुफैल को छोड़ दिया. हालांकि, पुलिस ने दुकानदार शमीम अहमद को सख्त चेतावनी दी है कि भविष्य में ऐसी गलती दोबारा न हो.

स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वह ऐसे मामलों पर सख्ती से नजर रखे और दुकानों की पारदर्शिता सुनिश्चित करे. खाने-पीने की वस्तुओं में इस तरह की धोखाधड़ी न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि सामाजिक सौहार्द के लिए भी खतरा बन सकती है.

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