आशीष द्विवेदी/हरदोई: मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है पंखों से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है. ये पंक्तियां उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले की मानसी पाठक पर सटीक बैठती हैं. हरदोई की बेटी ने जिले का नाम रोशन किया है. उनको भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर से डॉक्टरेट (PhD) की उपाधि प्रदान की गई है.
क्या था शोध विषय?
“ग्रामीण भारत में वायुमंडलीय प्रदूषण : स्रोत, कारक, रुझान और निहितार्थ”, जो भारत में ग्रामीण वायु प्रदूषण पर किया गया. पहला वैज्ञानिक और व्यापक अध्ययन माना जा रहा है. यह शोध आईआईटी खड़गपुर के कोरल (CoRAL) केंद्र में प्रो. जयनारायणन कुट्टिप्पुरथ के निर्देशन में पूरा हुआ.
8 शोध लेख प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में छपे
अपने शोध कार्यकाल के दौरान मानसी ने 8 शोध लेख अंतरराष्ट्रीय स्तर की उच्च गुणवत्ता वाली पत्रिकाओं में प्रकाशित किए, जिनमें पर्यावरण प्रदूषण, केमोस्फीयर, जर्नल ऑफ हैज़र्डस मैटेरियल्स एडवांसेज, तथा एनवायरनमेंटल साइंस: प्रोसेसेस एंड इम्पैक्ट्स प्रमुख हैं. डॉक्टरेट समिति में प्रो. किंसुक नस्कर (अध्यक्ष), प्रो. रेंजी रेमेसन, प्रो. अभिषेक राय, और प्रो. प्रणब देब शामिल थे.
सेंट जेवियर स्कूल से पढ़ी हैं मानसी
मानसी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हरदोई के सेंट जेवियर स्कूल से प्राप्त की, इसके बाद सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक और एमटेक किया और फिर आईआईटी खड़गपुर में पीएचडी के लिए चयनित हुईं.
दीक्षांत समारोह में मिली पीएचडी की उपाधि
उनके दादा रमेश चंद्र पाठक, हरदोई के वरिष्ठ पत्रकार और उद्यमी हैं. आईआईटी खड़गपुर में आयोजित दीक्षांत समारोह में मानसी पाठक को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई. यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि हरदोई और देश की बेटियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं.
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