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Kanwar Yatra 2024: दादी को पालकी बैठाकर निकले पोते, हरिद्वार की ऐसी कांवड़ यात्रा की हर कोई कर रहा तारीफ

दोनों पोतो ने अपनी दादी की इच्छा पूरी करने के लिए पालकी में एक तरफ दादी और दूसरी तरफ गंगाजल लेकर हरिद्वार से हर-हर महादेव के जयकारों के साथ श्रवण कुमार बन कर निकले है. दादी ने बताया कि आज उनका सपना पूरा हो गया. 

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Sawan Kanwar Yatra 2024
Sawan Kanwar Yatra 2024
Rahul Mishra|Updated: Jul 09, 2024, 03:15 PM IST
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Kanwar yatra : हरियाणा के दो युवक अपनी दादी की इच्छा पूरी करने के लिए पालकी में एक तरफ बुजुर्ग दादी और दूसरी तरफ गंगाजल लेकर हरिद्वार से हर-हर महादेव के जयकारों के साथ श्रवण कुमार बन कर निकले है. दादी राजबाला का कहना है कि आज उनका सपना पूरा हो गया . उनके दोनो पोतो उनके लिए कांवड़ लेकर जा रहे है. ये बहुत सौभाग्य की बात है.

हरियाणा के जिला झज्जर के रहने वाले जतिन और विशाल पुत्र श्री अनिल कुमार, जो मेहनत-मजदूरी करते है. वे कई साल से कांवड लेकर आ रहे है. दादी का इच्छा थी कि उनके दोनो पोते कांवड़ लेने जाए. तभी से दोनो लड़को ने इस इच्छा को पूरी करने की सोच ली थी. 

कांवड लेकर पहुंचे अपने गांव
दादी के बड़े पोते विशाल ने बताया कि वे एक जुलाई को देव नगरी हरिद्वार की हर की पौड़ी से गंगा स्नान करके अपनी दादी के वजन के गंगाजल रखा और दूसरी तरफ दादी को पालकी में बैठा कर भगवान भोलेनाथ के आशर्वाद से चले थे. हर दिन 7-8 किलोमीटर चलने के बाद दोनो श्रवण कुमार कांवड लेकर अपने कस्बे में पहुंचे. उन्हे देख वहां के लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई जिसके बाद गांव के लोगों ने दादी और दादी के पोतो की जमकर खूब तारीफ की. 

भगवान भोलेनाथ ने बरसाई कृपा
विशाल ने बताया कि दोनो भाई हरिद्वार से दादी को पालकी में बैठाकर अपने गांव लेकर आए है. उसने बताया कि उन लोगों के ऊपर भगवान भोलेनाथ ने कृपा की है क्योकि अभी तक उन लोगों को कोई परेशानी नहीं हुई . हरिद्वार से गंगाजल लाना के बाद अब वे अपने गांव के ही शिव मंदिर में शिवरात्री वाले दिन जलाभिषेक करेंगे.

दादी की आंखे हुई नम
बुजुर्ग दादी राजबाला ने अपनी नम आंखों से बताया कि वे कितनी खुश है इस सपने के पूरा होने के बाद क्योकि उन्हेने की सोचा भी नहीं था कि ये सपना पूरा भी होगा. उनके दोनो पोतो ने हरिद्वार से पालकी में बैठाकर कांवड़ यात्रा की है. भगवान भोलेनाथ की कृपा ले उनका जीवन सफल हो गया. दादी ने अपने दोनो पोतो को खूब आशीर्वाद दिया. 

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