प्रमोद कुमार/कुशीनगर: प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य गरीबों के लिए छत उपलब्ध कराना है लेकिन कुशीनगर में इस योजना के तहत बने आवास में होटल चल रहा है. जिला नगरीय विकास प्राधिकरण द्वारा पीएम आवास योजना शहरी के अंतर्गत इस घर का निर्माण हुआ है. पहले तो इस घर को बनने में तकरीबन 5 साल लग गए, दूसरा इस मकान को दो मंजिला बना कर इसमें होटल का व्यवसाय हो रहा है जो कि डूडा द्वारा कराए गए इस निर्माण कार्य का कच्चा चिट्ठा खोल रहा है.
5 दिनों में ही कर दिया खेल
कुशीनगर नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड नंबर 21 कृष्णा नगर में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अंतर्गत संगीता के नाम से एक आवास का 29 जून 2021 को आवंटित हुआ. डूडा के माध्यम से पांच चरणों में होने वाले इस निर्माण कार्य का पहला चरण नॉट स्टार्टेड में 28 सितंबर 2021 को ₹50000 के पहले भुगतान के साथ शुरू हुआ. दूसरे चरण फाउंडेशन का फोटो 23 नवम्बर 2021 को अपलोड हुआ और डेढ़ लाख रुपए का दूसरा भुगतान किया गया. तीसरे चरण लिंटर्ड का फोटो ढ़ाई साल बाद 18 जुलाई 2024 को अपलोड हुआ. वहीं चौथे चरण रूफ का फोटो 20 जुलाई 2024 और 5वें चरण कंप्लीट का फोटो 23 जुलाई 2024 को लिया गया. इस प्रकार देखा जा सकता है कि शेष तीनों चरण लिंटर्ड, रूफ और कंप्लीट 5 दिनों के भीतर ही पूरा हुए.
सिर्फ इतना ही नहीं यह आवास ऐसे परिवार को आवंटित हुआ है जो इस पर दो मंजिला होटल सूर्या पैलेस का व्यवसाय कर रहा था. इसका खुलासा तब हुआ जब इस होटल में गोरख धंधा की होने की शिकायत पर पुलिस ने छापा डाला. इस छापेमारी में कुछ कपल्स गिरफ्तार हुए थे. इस पूरे प्रकरण ने जिला नगरीय विकास अभिकरण के पारदर्शिता को सामने ला दिया है.
कैसे हुआ पूरा खेल
जब इस सच्चाई पता करने के लिए ज़ी मीडिया संवाददाता ग्राउंड जीरो पर पहुंचे तो मालूम हुआ कि डूडा द्वारा जिस प्रधानमंत्री आवास का सर्वेक्षण पूरी ईमानदारी से करना चाहिए उसमे लापरवाही बरती गई. 2021 में संगीता देवी को जिस पीएम आवास शहरी योजना का लाभ दिया गया उस मे जो जिओ टैग फ़ोटो लाभार्थियों का लगना चाहिए उसमें डूडा द्वारा पालन नही किया गया,जिन तीन किस्तों को जारी किया गया उसमे अलग अलग फ़ोटो लगाया गया,यहां तक कि होटल स्टाफ को ही फ़ोटो अपलोड कर कोरम पूर्ति की गई,अब लाभार्थी पात्रता की श्रेणी में है या नही यह जांच का विषय हैं, लेकिन लाभार्थी के दिये तर्क की मानें तो जमीन बेचकर बाकी के आवास को बनाया गया जो अब होटल के रूप में संचालित हैं, जब कि लाभार्थी होटल से कुछ ही दूरी पर एक और बनाये गए पक्के मकान में रह रहा है.
पूरे मामले पर क्या बोले जिलाधिकारी
जब जिलाधिकारी से बात की गई तो डीएम महेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि इसमें जो भी दोषी होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. सवाल यह है कि जनपद में नगर क्षेत्र में ही तमाम ऐसे परिवार मिलेंगे जिन्हें प्रधानमंत्री आवास की अत्यंत आवश्यकता होगी, लेकिन कहीं ना कहीं उन्हें दरकिनार कर ऐसे पात्र व्यक्ति को पीएम आवास का लाभ दिया गया जो कि इसका दुरुपयोग करते नजर आ रहा है. अब देखना है कि जांच के बाद विभागीय अधिकारियों पर क्या कार्यवाही होती है.
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