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भारतीय रुपये पर पहली बार कब लगी महात्मा गांधी की तस्वीर, दिलचस्प है बापू की ये कहानी

Mahatma Gandhi Birth Anniversary: महात्मा गांधी और भारतीय करेंसी नोट का संबंध 55 सालों से भी पुराना है. सबसे पहले गांधी जी की स्मृति में 100 रुपए के नोट पर उनकी तस्वीर छापी गई थी.   

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महात्मा गांधी और भारतीय करेंसी नोट
महात्मा गांधी और भारतीय करेंसी नोट
Rahul Mishra|Updated: Oct 01, 2024, 05:24 PM IST
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बुधवार को पूरा देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनाएगा. महात्मा गांधी की एक तस्वीर जो हमारे दिलो-दिमाग पर हमेशा छाई रहती है वह है उनकी नोट पर छपी तस्वीर. जिसमें कि बापू मुस्कुरा रहे हैं. याद भी क्यों न रहे आखिर नोट हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा है. लेकिन क्या आपको महात्मा गांधी की तस्वीर और उसके भारतीय करेंसी नोट पर आने का इतिहास पता है. क्या आपको पता है कि सबसे पहले करेंसी नोट पर महात्मा गांधी की तस्वीर कब आई थी.  

55 सालों से है गांधी जी और नोट का नाता
आपको बता दें कि महात्मा गांधी और भारतीय करेंसी नोट का संबंध 55 सालों से भी पुराना है. सबसे पहले गाँधी जी की स्मृति में 100 रुपए के नोट पर उनकी तस्वीर छापी गई थी. फिर क्या था हर नोट पर बापू नजर आने लगे. गाँधी जी का जन्म साल 1869 को हुआ था. 1969 में जब उनकी जन्मशती मनाई गई तो 100 रुपए के नोट पर गांधी जी नजर आए. 

गांधी से पहले नोट पर नजर आई थी यह तस्वीर...
जब देश आजाद हुआ तो देश के लोगों को लगने लगा कि नोट पर से भी अंग्रेजी हुकूमत की निशानी मिटाई जानी चाहिए. हालांकि ऐसा किया जाए या नहीं इस पर एक राय कायम होते काफी वक्त बीत गया. गाँधी जी से पहले सारनाथ स्थित अशोक स्तंभ के सिंह ने नोट पर जगह पाई थी. 

कैसी थी नोट पर छपी गांधी की पहली तस्वीर
वर्ष 1969 में रिजर्व बैंक ने गाँधी की स्मृति में 100 रुपए के नोट पर उनकी तस्वीर छापी. पहली तस्वीर जो छपी थी उसमें गाँधी जी सेवाग्राम स्थित अपने आश्रम में बैठे हुए थे. वक्त बीतता गया लेकिन फिर साल 1987 से लगातार गाँधी जी भारतीय करेंसी नोट पर दिखने लगे. 

जब नोट पर मुस्कुराते नजर आए बापू
1987 के अक्टूबर में 500 रुपए का नोट जारी हुआ था. जिसमें गांधी जी मुस्कुराते नजर आए थे. इसके बाद नोट चाहे जितने भी मूल्य का हो गाँधी जी की तस्वीर हर नोट पर छपने लगी. 

नोटों का संक्षिप्त इतिहास: 

- साल 1949 में भारतीय सरकार ने एक नोट जारी किया था जिसमें कि अशोक स्तंभ की तस्वीर छपी थी. 

-1953 में नोटों पर हिंदी भाषा को प्रमुखता से दिखाया गया.

- 1954  में 1,000,  5,000, 10,000 के नोट फिर से निकाले गए. हजार के नोट पर तंजौर के मंदिर को जगह मिली, 5000 के नोट पर गेटवे ऑफ इंडिया छपा और 10 हजार के नोट पर अशोक स्तंभ ने जगह पाई.

-1978 में बड़े मूल्य के नोटों को वापिस ले लिया गया. उस समय नोटबंदी हुई थी. 

-1980 आते आते बिल्कुल ही नए तरह के नोट नजर आए. 2 रुपए के नोट पर आर्यभट्ट नजर आए, 1 रुपए के नोट पर ऑइल रिग, 5 रुपए के नोट पर ट्रैक्टर, 20 के नोट पर कोणार्क पहिया और 10 के नोट पर मोर की तस्वीर छपी.

- 1996 में नोटों के रूप में नई महात्मा गांधी सीरीज जारी की गई. अब जो नोट छपे तो उसमें व्हाटरमार्क था, सिक्योरिटी थ्रेड था, लेटेंट इमेज थी. यहां तक कि दिव्यांग जनों के अनुकूल नोट बनाए गए. जिससे कि वह उन्हें स्पर्श कर के पहचान सकें.

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