Prayagraj News: सारनाथ एक्सप्रेस (15159) के एस-2 कोच में एक सुखद और भावुक पल देखने को मिला, जब चलती ट्रेन में एक गर्भवती महिला ने बेटे को जन्म दिया. आरपीएफ की महिला कांस्टेबलों की सूझबूझ और तत्परता से यह प्रसव सकुशल संपन्न हुआ. नवजात की किलकारी गूंजते ही कोच में मौजूद यात्रियों ने तालियों के साथ साहस और सूझबूछ के लिए टीम का अभिनंदन किया.
'ऑपरेशन मेरी सहेली'
सोमवार को वाराणसी जंक्शन से अनूपपुर जंक्शन जा रहे मोहम्मद सरफराज अपनी पत्नी गुलनाज और एक बच्चे के साथ यात्रा कर रहे थे. जैसे ही ट्रेन जंघई पार कर प्रयागराज की ओर बढ़ी, गुलनाज को तेज प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सरफराज ने तुरंत मदद मांगी.
ट्रेन के प्रयागराज जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर 7 पर पहुंचते ही आरपीएफ उप निरीक्षक गौरव, महिला कांस्टेबल मोनिका और "ऑपरेशन मेरी सहेली" की कांस्टेबल सपना राय ने चिकित्सा और वाणिज्य विभाग की मदद से सीट नंबर 78 के आसपास चादरों से एक अस्थायी पर्दा बनाकर महिला की गोपनीयता सुनिश्चित की.
मोनिका और सपना ने बिना किसी देरी के कोच के अंदर ही सुरक्षित प्रसव कराया, जिसमें गुलनाज ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया. यह दृश्य ट्रेन के यात्रियों के लिए भावुक कर देने वाला था. उन्होंने पूरी टीम के सम्मान में तालियां बजाईं और मानवता के इस अद्भुत उदाहरण की सराहना की.
प्रसव के बाद, महिला और नवजात को एंबुलेंस द्वारा प्रयागराज के डफरिन अस्पताल भेजा गया, जहां दोनों की हालत अब स्थिर और स्वस्थ बताई गई है. रेलवे की इस संवेदनशील और त्वरित कार्यवाही ने मानवता की नई मिसाल पेश की है.
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