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धनंजय सिंह को बड़ी राहत, 15 साल पुराने दोहरे हत्‍याकांड में आया फैसला

Jaunpur News: 1 अप्रैल 2010 को केराकत थाना क्षेत्र स्थित बेलाव घाट पर ठेकेदारी के विवाद को लेकर दो लोगों की गोली मारकर हत्‍या कर दी गई थी. इस हत्‍याकांड से पूरा पूर्वांचल दहल गया था. अब 15 साल बाद कोर्ट ने फैसला सुना दिया है.  

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Dhananjay Singh
Dhananjay Singh
Zee Media Bureau|Updated: Jul 03, 2025, 05:06 PM IST
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अजीत सिंह/जौनपुर: जौनपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह को बड़ी राहत दी है. 15 साल पुरान डबल मर्डर केस में एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत चार को बाइज्‍जत बरी कर दिया है. जौनपुर में करीब 15 साल पहले ठेकेदारी के विवाद को लेकर हुए चर्चित दोहरे हत्याकांड में पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत चार लोगों को आरोपी बनाया गया था. अब जौनपुर की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने सभी आरोपियों को निर्दोष करार देते हुए बाइज्जत बरी कर दिया है. 

यह है 15 साल पुराना डबल मर्डर केस
बता दें कि यह मामला 1 अप्रैल 2010 का है, जब जौनपुर के केराकत थाना क्षेत्र स्थित बेलाव घाट पर ठेकेदारी के विवाद को लेकर संजय निषाद और नंदलाल निषाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में तत्कालीन सांसद धनंजय सिंह, आशुतोष सिंह, पुनीत सिंह सहित कुल चार लोगों को आरोपी बनाया गया था. प्रारंभिक जांच में पुलिस ने सभी आरोपियों को क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन बाद में सीबीसीआईडी ने मामले की जांच कर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया. 

गवाहों के बयान और साक्ष्‍यों के आधार पर कोर्ट ने सुनाया फैसला 
इसके बाद केस की सुनवाई एडीजे प्रथम एमपी सिंह की अदालत में चल रही थी. लंबी सुनवाई और गवाहों के बयान दर्ज होने के बाद अदालत ने सभी आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त करार दिया और बाइज्जत बरी कर दिया. एमपी एमएलए की कोर्ट ने माना कि इस दोहरे हत्‍याकांड में पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत सभी चार लोग निर्दोष हैं. सभी को कोर्ट ने बरी कर दिया है. 

धनंजय पर पहली बार लगा था हत्‍या का आरोप 
बता दें कि साल 1990 में धनंजय सिंह हाई स्‍कूल की पढ़ाई कर रहे थे, उस समय एक शिक्षिका की हत्‍या कर दी गई थी. यह पहली दफा था जब धनंजय सिंह का नाम हत्‍या के अपराध में आया. हालांकि, पुलिस इस मामले में धनंजय सिंह पर आरोप साबित नहीं कर पाई. यहीं से उन पर आपराधिक मामलों से जुड़े आरोप लगने शुरू हुए. दो साल बाद इंटर कॉलेज की बोर्ड परीक्षा के दौरान एक युवक की हत्‍या के मामले में भी धनंजय का नाम सामने आया था. 

 

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