अजीत सिंह/जौनपुर: ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव का असर अब अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को पार करते हुए उत्तर प्रदेश के जौनपुर तक पहुंच गया है. जिले के करीब दो दर्जन से अधिक लोग ईरान में फंसे हुए हैं, जिन्हें लेकर उनके परिजन बेहद चिंतित और बेचैन हैं. ये सभी लोग कर्बला में जियारत के लिए ईरान गए थे और जियारत पूरी करने के बाद भारत लौटने की तैयारी कर ही रहे थे, तभी ईरान-इजराइल के बीच छिड़े संघर्ष और एयरबेस बंद होने के चलते सभी उड़ानें रद्द कर दी गईं. इस वजह से जौनपुर के कई परिवारों के अपने वहां फंस गए हैं, जिनकी सुरक्षित वापसी की अपील प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की जा रही है.
मां की सलामती को तरसते मासूम, पीएम से लगाई भावुक अपील
शाहगंज कोतवाली क्षेत्र के शाहपंजा मोहल्ले की रहने वाली फरिदा सरवत भी उन्हीं में से एक हैं जो ईरान में फंसी हैं. उनके चार मासूम बच्चे रोजाना वीडियो कॉल पर मां की एक झलक पाकर खुद को संभालने की कोशिश कर रहे हैं. बच्चों की आंखें हर वक्त नम रहती हैं और हर पल मां की सलामती की दुआ कर रहे हैं. परिवार के लोग प्रधानमंत्री से अपील कर रहे हैं कि फरिदा समेत सभी फंसे लोगों को सुरक्षित भारत वापस लाया जाए.
परिजनों ने जताई गहरी चिंता
परिवार के सदस्यों का कहना है कि लगातार संपर्क में रहने के बावजूद असहाय महसूस कर रहे हैं. उन्हें अब केवल भारत सरकार से उम्मीद है कि जल्द कोई राहत दी जाएगी.
मुफ्तीगंज के भी 20 लोग फंसे, हालात चिंताजनक
जौनपुर शहर के मुफ्तीगंज मोहल्ले से भी करीब 20 लोग ईरान में फंसे हुए हैं. सभी कर्बला की जियारत के लिए वहां गए थे और अब युद्ध जैसे हालात में घिरे हुए हैं. परिजन उनकी सलामती को लेकर बेहद परेशान हैं और दिन-रात सरकार से मदद की उम्मीद लगाए बैठे हैं. जौनपुर के इन परिवारों की पीड़ा इस बात की गवाही देती है कि वैश्विक घटनाओं का स्थानीय जीवन पर भी कितना गहरा प्रभाव पड़ता है. इन मासूम बच्चों और परिवारों की एक ही अपील है कि भारत सरकार अपने नागरिकों को जल्द से जल्द सुरक्षित वतन वापस लाए.
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