संदीप कुमार/हमीरपुर: कानपुर-सागर हाईवे पर यमुना पुल की मरम्मत चल रही थी जिसके चलते शनिवार सुबह छह बजे से किसी भी तरह का वाहन का आवागमन पूरी तरह रोक दिया गया. बस पैदल यात्री ही पुल पार कर सकते थे. इसी दौरान वहां पर ऐसी तस्वीर देखने को मिली जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया. एक बेटा अपनी मां के शव को स्ट्रेचर पर रखकर एक किलोमीटर लंबा पुल पैदल पार करना पड़ा, क्योंकि प्रशासन ने शव वाहन को पुल पर चढ़ने की इजाजत नहीं दी. घटना के बाद आमजन में नाराजगी है.
गिड़गिड़ाए पर नहीं पसीजा प्रशासन
शनिवार सुबह करीब साढ़े 9 बजे एक शव वाहन कानपुर की ओर से हमीरपुर की ओर आ रहा था. शव वाहन में टेढ़ा गांव निवासी बिंदा की मां शिवदेवी का पार्थिव शरीर था, जिनका इलाज के दौरान निधन हो गया था. जब शव वाहन पुल पर पहुंचा तो वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उसे आगे बढ़ने नहीं दिया. स्वजन बार-बार विनती करते रहे, परिवार के लोग गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन किसी ने कोई सुनवाई नहीं की. बेटे ने मृत माँ के शव को स्ट्रेक्चर में रख कर पुल पार किया. तीन लोगों ने स्ट्रेक्चर की मदद से पुल पार कराया.
चार बार सड़क पर रखा मां का शव
बेटा थक जाता तो शव को सड़क पर रखता, फिर उठाता और चलने लगता. ये जिसने भी देखा उसकी आंखें नम हो गई कि कैसे एक बेटा मां के शव को लेकर जा रहा है. थाना सुमेरपुर के टेढ़ा गांव निवासी बिंदा ने बताया कि उसकी मां शिवदेवी का पैर फैक्चर हो गया था. उन्हें इलाज के लिए कानपुर ले जाया गया था. वहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई. शनिवार को वह अपनी मां का शव लेकर गांव लौट रहा था, लेकिन यमुना पुल बंद होने से वाहन को रोका गया. मजबूरी में स्ट्रेचर का सहारा लेना पड़ा और फिर ऑटो की मदद से शव गांव पहुंचाया गया.
सदर विधायक की गाड़ी बे रोकटोक निकली
इसी दौरान, सुबह करीब 7 बजे जब हमीरपुर सदर विधायक की गाड़ी पुल पर पहुंची, तो पुल पर ड्यूटी कर रहे कर्मियों ने बिना किसी रोकटोक के उन्हें जाने दिया. बातचीत के मुताबिक सदर विधायक बोले कि भाई की तबियत बिगड़ने पर पुल बंद करने के दौरान बीमार भाई को लेकर कार निकली थी. विधायक की कार निकलने और स्ट्रेचर पर पैदल शव ले जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.