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केदारनाथ मॉडल पर मंदिर क्यों? अखिलेश के केदारेश्वर मंदिर पर उठे सवाल, दिल्ली में ऐसे ही केदारनाथ मंदिर पर मचा था बवाल

Kedareshwar Mahadev Mandir in Etawah: इटावा में केदारनाथ की तर्ज पर बन रहे केदारेश्वर मंदिर का अखिलेश यादव ने एक वीडियो सार्वजनिक किया है. इसको लेकर विवाद भी शुरू हो गया है. 

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Kedareshwar Mahadev Mandir in Etawah
Kedareshwar Mahadev Mandir in Etawah
Amitesh Pandey |Updated: Feb 26, 2025, 10:54 PM IST
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Kedareshwar Mahadev Mandir in Etawah: समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने इटावा में केदारेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण करवाया रहे हैं. केदारनाथ की डिजाइन पर बन रहे इस मंदिर का निर्माण पिछले कई वर्षों से हो रहा है. बुधवार को महाशिवरात्रि पर समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर मंदिर का वीडियो शेयर कर सार्वजनिक कर दिया. यहां तमिलनाडु से आए पुजारी ने विधि विधान के साथ केदारेश्वर महादेव को स्थापित किया. मंदिर के निर्माण को लेकर सवाल भी खड़े हो रहे हैं. 

अखिलेश यादव ने शेयर किया वीडियो 
इटावा में स्‍थापित केदारेश्वर मंदिर की वास्तुकला केदारनाथ मंदिर जैसी ही है. अखिलेश यादव की ओर से शेयर वीडियो में देखा जा सकता है कि जिस तरह उत्तराखंड में केदारनाथ के सामने नंदी विराजमान हैं, वैसे ही इटावा के केदारेश्वर महादेव मंदिर के सामने भी नंदी को स्थापित किया गया है. इतना ही नहीं गर्भगृह में भगवान केदारनाथ का स्वरूप भी ठीक वैसा ही है, जैसा केदारनाथ मंदिर में हैं. इस मंदिर को इटावा के चंबल घाटी में बनाया जा रहा है.  

इटावा में केदारनाथ की तर्ज पर मंदिर निर्माण को लेकर उठे सवाल 
वीडियो शेयर करने के बाद सोशल मीडिया पर मंदिर के निर्माण को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. लोगों का कहना अखिलेश यादव को केदारनाथ मॉडल पर ही मंदिर का निर्माण क्‍यों कराना पड़ गया?. दिल्ली के बुराड़ी में केदारनाथ धाम की तर्ज पर मंदिर बनाने के प्रस्ताव पर विवाद खड़ा हो गया था. इस विवाद के बाद मंदिर के निर्माण को रोक दिया गया है. केदारनाथ धाम में भी विरोध किया गया था. उत्तराखंड सरकार ने दिल्ली में केदारनाथ धाम के नाम से मंदिर बनाने पर रोक लगा दी थी. 
 
दिल्‍ली के बुराड़ी में बन रहे मंदिर को लेकर हुआ था विवाद 

करीब तीन एकड़ में मंदिर का निर्माण हो रहा था. पिछले साल 10 जुलाई को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसका भूमिपूजन किया था. पूजन के बाद से ही मंदिर बनाने का विरोध हो रहा है. केदारनाथ धाम से लेकर पूरी केदार घाटी में इसको लेकर विवाद हो गया था. शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने भी दिल्ली में बन रहे इस मंदिर का विरोध किया था. इसके बाद धामी सरकार का कहा था कि बाबा केदार का धाम दुनिया में और कहीं नहीं बन सकता. 

उत्तराखंड सरकार का आदेश
उत्तराखंड सरकार ने एक अध्यादेश पारित किया था जिसमें यह सुनिश्चित किया गया था कि उत्तराखंड के चारधाम और प्रसिद्ध मंदिरों के नाम से कोई भी कहीं और मंदिर नहीं बना सकेगा. 

 

देखें वीडियो : इटावा में केदारनाथ?, महाशिवरात्रि पर केदारेश्‍वर महादेव मंदिर का अखिलेश यादव ने शेयर किया वीडियो 

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