Bikru Case: प्रवर्तन निदेशालय ने बिकरू कांड के गुनहगार विकास दुबे की करोड़ों रुपये मूल्य की जमीन जायदाद जब्त कर ली है. कानपुर देहात के आसपास उसकी काली कमाई फैली थी. ED ने विकास दुबे की 10.35 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है. विकास दुबे और उसकी पत्नी के नाम ये संपत्ति थी. बिकरू कांड के मामले में विकास दुबे का एनकाउंटर हुआ था. उज्जैन महाकाल से कानपुर लाए जाते वक्त रास्ते में उसने भागने की कोशिश की थी, जवाबी कार्रवाई में वो मारा गया था. बिकरू कांड के दौरान जब पुलिस विकास दुबे को पकड़ने गई थी तो घात लगाकर बैठे माफिया और उसके गुर्गों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी, जिसमें 9 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे.
कानपुर औऱ आसपास जिलों में दहशत
दरअसल, विकास दुबे ने कानपुर, कानपुर देहात से लेकर आसपास के जिलों में अपनी दहशत कायम कर रखी थी. जमीनों पर अवैध कब्जा, वसूली, अधिकारियों को धमकी जैसे मामले उसके खिलाफ थे. ऐसे ही एक मामले में जब जुलाई 2020 में सीओ की अगुवाई में एक टीम रात के वक्त उसके घर दबिश देने गई तो उसे पहले ही भनक लग गई. उसने रायफल और अन्य हथियारों के साथ आसपास की छतों पर मोर्चेबंदी कर ली.
आठ पुलिसकर्मियों की मौत
पुलिस टीम के पहुंचते ही चौतरफा ताबड़तोड़ फायर झोंकने शुरू कर दिए. इस हमले में स्थानीय सीओ समेत 8 पुलिसकर्मियों की जान चली गई थी. विकास दुबे वहां से फरार हो गया और छिपते छिपाते मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में महाकाल के दर्शन करने पहुंच गया, जहां उसे पकड़ लिया गया. भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच जब उसे यूपी लाया जा रहा था तो कानपुर के नजदीक ही उसकी गाड़ी पलट गई और वो भागने के प्रयास में उसे एसटीएफ की टीम ने ढेर कर दिया.
सजा का ऐलान
विकास दुबे और अन्य 23 आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट लगा था. सितंबर 2023 में कानपुर कोर्ट ने 23 आरोपियों को 10-10 साल की सज़ा सुनाई थी. विकास दुबे और उसके गैंग की 72 करोड़ रुपये की संपत्ति पहले ही जब्त हो चुकी है. इस मामले में सात लोगों पर रासुका और 45 बदमाशों पर गैंगस्टर कानून के तहत एक्शन लिया जा चुका है.