Etah News/हर्ष द्विवेदी: धरती मां कराह रही है, खेत सूख चुके हैं, और किसानों की आंखों में अब सिर्फ आंसू हैं. उत्तर प्रदेश के एटा में सोडा फैक्ट्री ने गांव की हरियाली को जैसे निगल लिया है. खेतों में अब फसलें नहीं, बर्बादी उग रही है. और इसी दर्द ने किसानों को सड़कों पर उतरने पर मजबूर कर दिया.
कहां का है मामला?
जलेसर तहसील क्षेत्र के ग्राम पवाह में चल रही सोडा फैक्ट्री को लेकर किसानों का आक्रोश फूट पड़ा है. केमिकल युक्त जहरीले पानी से सैकड़ों बीघा कृषि भूमि बंजर हो गई है. प्रदर्शन कर रहे किसानों का आरोप है कि फैक्ट्री में सोडा बनाने के दौरान निकलने वाला जहरीला केमिकल आसपास की खेतों में फैल रहा है, जिससे फसलें बर्बाद हो रही हैं और जमीनें सूख रही हैं.
राजेश गौड़ नामक किसान ने बताया कि यह फैक्ट्री अवैध रूप से चलाई जा रही है. आस-पास के करीब 20 गांवों के लोग इस अन्याय के खिलाफ एकजुट हो चुके हैं. हम किसी भी कीमत पर इसे नहीं चलने देंगे, चाहे इसके लिए जान की बाज़ी ही क्यों न लगानी पड़े.
धरने की सूचना मिलते ही जलेसर के तहसीलदार संदीप सिंह मौके पर पहुंचे और किसानों से मुलाकात कर उनका ज्ञापन लिया. तहसीलदार ने आश्वासन दिया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए संबंधित विभागों को सूचित किया जाएगा और शीघ्र कार्यवाही की जाएगी. ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन ने समय रहते फैक्ट्री पर ठोस कार्यवाही नहीं की, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.
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