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IIT Kanpur: सीमा पर दुश्मन सावधान! आईआईटी कानपुर के छात्रों की ये ईजाद रखेगी हर हरकत पर नजर

IIT Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर में स्थित आईआईटी कानपुर के छात्रों ने शानदार और वर्ल्ड क्लास ड्रोन बनाया है. जिसकी मदद से भारतीय सेना सीमा पर आसानी से दुश्मनों के छक्के छुड़ा सकती है. पढ़िए पूरी खबर ... 

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IIT Kanpur Drone
IIT Kanpur Drone
Zee Media Bureau|Updated: Nov 12, 2024, 11:52 PM IST
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Kanpur News/प्रवीण पांडे: उत्तर प्रदेश के कानपुर में स्थित आईआईटी कानपुर के छात्रों ने शानदार और वर्ल्ड क्लास ड्रोन बनाया है. जिसकी मदद से भारतीय सेना सीमा पर आसानी से दुश्मनों के छक्के छुड़ा सकती है. दरअसल, देश की सेना को अब जल्द ही एक आत्मघाती कामकाजी ड्रोन मिलने जा रहा है. यह ड्रोन एक मिशन के तहत काम करेगा. जोकि पूरी तरह से ऑटोमैटिक होगा. यह दुश्मन के छिपने तक की भी जानकारी सेना का मुहैया करवाएगा. 

जल्द ही मिलेगा भारतीय डिफेंस को
यह आत्मघाती कामकाजी ड्रोन जल्दी ही आईआईटी कानपुर भारतीय डिफेंस को सौंपेगा. आपको बता दें कि यह ड्रोन 100 किलोमीटर तक की रेंज में मिशन टारगेट को पूरा कर दुश्मन के बड़े-बड़े बैटल टैंकर ध्वस्त कर सकता है. इसकी खास बात यह है कि इसे चलाने के लिए किसी इंसान की जरूरत नहीं होगी. बल्कि ये ड्रोन लॉन्चर महज एक बटन से ऑपरेट होगा. जो जीपीएस और हाई कैमरे से लैस है. इस ड्रोन की मदद से सेना के द्वारा सेट किए गए टारगेट को सौ किलोमीटर की रेंज में धूल चटा सकती है. 

क्या है खासियत
कानपुर आईआईटी की 30 लोगों की टीम इसके ऊपर रिसर्च कर रही है. सभी की लगातार मेहनत का यह नतीजा है कि सबने मिलकर एक ऐसा कमाल कर दिखाया है जो भारतीय सेना के लिए एक मिशाल बनेगा. दरअसल, आईआईटी के प्रोफेसर सुब्रह्मण्यम सदरेला ने अपनी तीस लोगों की एक टीम के साथ एडवांस फीचर का कामकाजी ड्रोन तैयार किया है. इसको बनाने में तीन साल तक का समय लग चुका है. इस ड्रोन में सैकड़ों खूबी हैं. यह ड्रोन 6 किलोग्राम का है. जो पूरी तरह से जीपीएस और हाईटेक कैमरे से लैस है. यह बिना मैनुअली मॉनिटरिंग के संचालित होकर दुश्मन के खेमे में धमाका कर सकता है. लेकिन 100 किलोमीटर की रेंज के बाहर इसको ऑपरेट नहीं किया जा सकेगा. 

डिफेंस एक्सपो में रक्षामंत्री ने की थी तारीफ
हाल में ही डिफेंस एक्सपो में देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के सामने भी रखा गया था. जिसे रक्षामंत्री ने सराहा भी था और इसे भारतीय सेना के लिए वरदान बताया था. अब जाकर इसको तैयार किया गया है. जिसके बाद इसे बनाने वाले सुब्रह्मण्यम सदरेला ने बताया कि ये डिफेंस क्षेत्र में बहुत उपयोगी साबित होगा. क्योंकि इस ड्रोन लॉन्चर की कई खासियत है. जिनकी वजह ये खुद को अलग बनाता है. जैसे कि क्योंकि ये ड्रोन लॉन्चर सुसाइड ड्रोन लॉन्च के रूप में काम करेगा. 

टारगेट के जगह बदलने पर भी करेगा वार
कानपुर आईआईटी में तैयार किया गया ये ड्रोन जीपीएस के माध्यम से अपने टारगेट को भेद सकता है. खास बात तो यह है कि अगर टारगेट किसी कारण अपनी लोकेशन बदलता है. तो भी ये उसे भेदने में सक्षम है, बस उसकी रेंज सौ किलोमीटर के अंदर हो. वहीं मैप के माध्यम से अगर टारगेट के सौ किलोमीटर की रेज से बाहर होने की जानकारी मिलती है, तो इसे रिमोट कंट्रोल के जरिए वहीं रोका जा सकता है. जिसके बाद यह अपनी पुरानी पोजिशन पर वापस चला जाएगा. फिलहाल, जानकारी के अनुसार इसे 6 से 8 महीनों में सेना के पास भेजने की तैयारी की जा रही है. इसकी मांग के आधार और इसे सिर्फ देश में ही सप्लाई करने की बात सामने आई है.

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