आलोक त्रिपाठी/कानपुर देहात: यूपी के कानपुर देहात जिले में खेत के किनारे झाड़ियों में एक नवजात रोती बिलखती मिली. ग्रामीणों ने जब रोने की चीख सुनी तो मौके पर पहुंची. कोई सोच भी नहीं सकता कि ममता को ऐसा भी शर्मसार किया जा सकता है, जैसा रसूलाबाद क्षेत्र के लाल गांव में हुआ.
नजारा देख सन्न रह गया किसान
खेत पर खाद डालने गए किसान रामबाबू और उनका बेटा राहुल उस वक्त सन्न रह गए. जब झाड़ियों से आती किसी नवजन्मी की किलकारी नहीं, चीख सुनाई दी. जैसे ही पास जाकर देखा—एक नवजात बच्ची निर्वस्त्र, चीटियों से घिरी, कांपती और रोती हुई जिंदगी की भीख मांग रही थी. राहुल ने बिना एक पल गंवाए उसे गोद में उठाया और परिजनों संग घर लेकर पहुंचा.
मासूम देखकर
ये मंजर सिर्फ इंसानियत नहीं, इंसान होने पर सवाल छोड़ गया. घटना की खबर आग की तरह गांव में फैली. ग्रामीणों का जमावड़ा लग गया. गांव की कुसुमा देवी और शारदा देवी की आंखों में आंसू थे और जुबान पर सिर्फ एक ही सवाल, "कैसी मां होगी वो, जो अपने ही जिगर के टुकड़े को यूं फेंक गई?"
क्या बोला युवक?
राहुल कुमार ने बताया, "खेत में खाद डाल रहे थे, तभी झाड़ियों से लगातार रोने की आवाज आई. पहले लगा कोई जानवर है, लेकिन जब देखा तो बच्ची थी…ये देख कर दिल दहल गया." यह सनसनीखेज मामला बेला-रसूलाबाद रोड किनारे का है. फ़िलहाल लोगों ने पुलिस को सूचना दी और बच्ची को प्राथमिक उपचार के बाद ग्रामीणों ने ही सुरक्षित रखा गया है.
वहीं नवजात को घर लाने वाले राहुल कुमार के परिजनों ने बताया कि नवजात बच्ची किसकी है, अब तक इसका पता नहीं चल पाया है. घटना सुबह साढ़े 8 बजे के आसपास की है. कोई इसको साथ रखना चाहता है वो ले जा सकता है. अगर इसका कोई वारिश नहीं आता है तो इसका ध्यान रखा जाएगा.
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