Kanpur News: कानपुर में 1998 में बिजली कटौती को लेकर भड़के दंगे के मामले में 45 आरोपी दोषमुक्त हो गए, जबकि चार लोगों को आर्म्स एक्ट के तहत तीन-तीन साल कैद और एक-एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है. मामला 9 जनवरी 1998 का है, जब रायपुरवा और चमनगंज थानाक्षेत्र में बिजली न आने से नाराज भीड़ ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया था, जो धीरे-धीरे हिंसक हो गया.
बिजली कटौती से उपजा बवाल
धरना प्रदर्शन के दौरान भीड़ उग्र हो गई और पथराव, बमबाजी और गोलीबारी होने लगी. स्थिति को संभालने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया, लेकिन जवाब में भीड़ ने पुलिस पर हमला बोल दिया। इस हिंसा में तत्कालीन एसपी साउथ अशोक कुमार के गनर कुंवर पाल सिंह की गोली लगने से मौत हो गई थी.
74 लोगों को पुलिस ने लिया था हिरासत में
घटना के बाद तत्कालीन चमनगंज थानाध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा ने मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने मौके से 74 लोगों को हिरासत में लिया था, जिनमें से 60 के खिलाफ मुकदमा चला. मुकदमे के दौरान 13 आरोपियों की मौत हो गई, जबकिदो अभियुक्तों की फाइल अलग कर दी गई.
सबूतों के अभाव में 45 आरोपी बरी
अभियोजन पक्ष ने 11 गवाहों को पेश कर आरोपियों पर आरोप साबित करने की कोशिश की, लेकिन पर्याप्त सबूत न होने के कारण 45 आरोपियों को कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया. वहीं, चार आरोपियों को अवैध हथियार रखने के जुर्म में तीन-तीन साल कैद की सजा सुनाई गई.
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