आलोक त्रिपाठी/कानपुर देहात: कानपुर मेडिकल कॉलेज के महिला अस्पताल में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, यहां मेडिकल स्टाफ की लापरवाही के चलते एक नवजात मासूम बच्चे की जान चली गई. अस्पताल ने इस घटना को पूरी तरह से दबाने की कोशिश भी की लेकिन पीड़ित परिवार पुलिस में चला गया जिसके बाद यह घटना उजागर हुई.
क्या है पूरा मामला
रूरा थाना क्षेत्र के प्रेमाधाम कारी-कलवारी निवासी सुनील नायक अपनी प्रसव पीड़ित पत्नी सरिता को आधी रात अस्पताल लेकर पहुंचे थे. वार्ड में भर्ती तो कर लिया गया, लेकिन वहां से संवेदना जैसे लापता थी. रात लगभग दो बजे सरिता को प्रसव हुआ. कोई डॉक्टर नहीं, कोई नर्स नहीं. गर्भवती ओमवती ने चीख-चीख कर स्टाफ को जगाने की कोशिश की, मगर सब बेखबर नींद में डूबे थे.
प्रसव के तुरंत बाद नवजात बेड के किनारे रखे डस्टबिन में जा गिरा. यह दृश्य न सिर्फ मां के लिए, बल्कि हर संवेदनशील दिल के लिए किसी सदमे से कम नहीं था. जैसे-तैसे बच्चे को एसएनसीयू में भर्ती किया गया, लेकिन नवजात की जिंदगी ने साथ छोड़ दिया. सुबह दस बजे मासूम ने दम तोड़ दिया.
परिवार का आरोप
परिवार का आरोप है कि स्टाफ ने पूरे मामले को दबाने की कोशिश की. दोपहर में बिना किसी संवेदना के मौत का प्रमाणपत्र थमाया गया और शव ले जाने को कहा गया. मृतक बच्चे के पिता सुनील ने जब पुलिस को सूचना दी, तब जाकर मामला उजागर हुआ.
जांच में सामने आई घोर लापरवाही
वहीं पूरे मामले को लेकर मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. सज्जन लाल वर्मा ने बताया है कि जांच में सामने आया कि ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर रश्मि पाल और स्टाफ नर्स प्रियंका सचान अस्पताल में उपस्थित ही नहीं थीं. जांच समिति ने इसे घोर लापरवाही मानते हुए निलंबन की संस्तुति की है. दोनों की बर्खास्तगी के लिए शासन को पत्र भेजा गया है.
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