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70 दिन में बिछड़ गए सात जन्मों के साथी, आतंकियों ने पत्नी के सामने मारी शुभम को गोली, बोले - 'कलमा पढ़ो तो छोड़ देंगे.'

Shubham Dies in Pahalgam: पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कानपुर के युवा कारोबारी की भी बेहरमी से आतंकियों ने हत्या कर दी. आतंकियों ने पहले नाम पूछा और फिर सिर में गोली मार दी. दो महीने पहले ही शुभम शादी के बंधन में बंधे थे.  

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70 दिन में बिछड़ गए सात जन्मों के साथी, आतंकियों ने पत्नी के सामने मारी शुभम को गोली, बोले - 'कलमा पढ़ो तो छोड़ देंगे.'
Zee Media Bureau|Updated: Apr 23, 2025, 08:48 AM IST
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Pahalgam terror attack (प्रवीण पांडेय): जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कानपुर के 31 साल के शुभम द्विवेदी की गोली मारकर हत्या कर दी गई. शुभम की दो महीने पहले ही शादी हुई थी. वह पत्नी और परिवार के 11 सदस्यों के साथ कश्मीर घूमने गए थे. घटना के बाद शुभम की पत्नी ने परिवार को फोन पर बताया कि आतंकियों ने पहले नाम पूछा और फिर सिर में गोली मार दी. एक वीडियो भी सामने आया है, जोकि कश्मीर का बताया जा रहा है. इसमें मैदान में लाश दिखती है.

चचेरे भाई ने बयां किया खौफनाक मंजर
शुभम के चचेरे भाई सौरभ द्विवेदी ने कहा- वीडियो में दिख रही लाश हमारे भाई की है. उन्होंने बताया- भैया और भाभी सोनमर्ग, गुलमर्ग घूमने के बाद आज पहलगाम में थे. फोन पर हमारी परिवार से बात हुई है. पता चला है कि शुभम और उनकी पत्नी एशान्या घुड़सवारी करते हुए ऊपर पहाड़ियों पर गए थे. परिवार के बाहर लोग नीचे ही थे. अचानक वहां भगदड़ मच गई, कुछ देर बाद जानकारी मिली कि वहां लोगों को आतंकियों ने गोली मार दी है.

कलमा पढ़ने को कहा, महिलाओं को इसलिए छोड़ा
चचेरे भाई ने कहा- वहां लोगों का नरसंहार किया गया है. लोगों का नाम पूछा गया. कलमा पढ़ने को कहा गया. भाभी को आतंकियों ने यह कहकर छोड़ा कि जाओ अपनी सरकार को बताओ. चचेरे भाई सौरभ द्विवेदी ने बताया कि सरकार से हमारी मांग है कि हमारा भाई जिस भी हाल में है, वैसे ही यहां पहुंचाया जाए. वहां साथ में जो लोग हैं, उन लोगों को भी अस्पताल में इलाज मुहैया कराया जाए. सबको सुरक्षित कानपुर पहुंचाना चाहिए.

नाम पूछकर सिर में मारी गोली
दरअसल मंगलवार को दोपहर लगभग 2.15 बजे के आतंकवादी सेना की वर्दी में आए और ताबड़तोड़ गोलीबारी करने लगे. जिससे वहां पर अफरातफरी का माहौल हो गया. एक आतंकी ने शुभम से उसका नाम पूछा और सिर पर गोली मार दी. शुभम मैदान पर गिर गए जबकि, उनकी पत्नी बेहोश हो गईं. इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस और सेना ने उन्हें कश्मीर के अस्पताल में भर्ती करवाया.

12 फरवरी को हुई थी शादी
परिवार ने बताया, शुभम की इसी साल 12 फरवरी को यशोदानगर की एशान्या से शादी हुई थी. 17 अप्रैल को वह अपनी पत्नी एशान्या के साथ कश्मीर घूमने गया था. साथ में, शुभम की मां सीमा, पिता संजय, बहन आरती, बहनोई शुभम दुबे, शुभम के ससुर राजेश पांडेय और सास गए थे. दोनों परिवारों के कुल 11 लोग घूमने गए थे। उन्हें 23 अप्रैल को लौटना था, मगर एक दिन पहले आतंकी हमला हो गया.

पिता सीमेंट कारोबारी
जब पिता को इस हमले की सूचना मिली तो वह बेटे और बहू को को खोजने को निकले. शाम को पुलिस की मदद से शुभम की पहचान हो पाई. परिवार के लोगों ने जब कानपुर में फोन करके यह खबर सुनाई, तो लोग भी स्तब्ध रह गए. चाचा और उनके परिवार में भी दुख का माहौल है. शुभम के पिता संजय द्विवेदी कानपुर में सीमेंट कारोबारी हैं. वह अल्ट्राटेक सीमेंट के डीलर हैं. उनका परिवार महराजपुर थाने के गांव हाथीपुर का मूल निवासी है. अभी कानपुर के श्यामनगर में परिवार के साथ रहते हैं.

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