गौरव श्रीवास्तव/औरेया: बिधूना में पिता के मारपीट करने व हाथ-पैर बांधकर कमरे में बंद करने से आहत सात साल की बच्ची आत्महत्या करने के लिए रेलवे ट्रैक पर पहुंच गई. समय रहते स्थानीय लोगों ने उसको बचा लिया. लोगों ने पुलिस को इसकी सूचना दी. थाने में बच्ची की दर्दभरी दास्तां सुनकर मोहल्ले के लोग सिहर उठे.
पिता की क्रूरता से टूटी मासूम, बोली– अब घर नहीं जाना....
मामला औरैया जनपद के अछल्दा थाना क्षेत्र का है. गांव खजुरियन का पूर्वा निवासी संतोष राजपूत की बेटी रोशनी उम्र लगभग 7 साल डीएफसी लाइन पर कटने की कोशिश कर रही थी, तभी स्थानीय नागरिक राहुल खान और मोहर सिंह राजपूत की नजर उस पर पड़ी. उन्होंने तुरंत सूझबूझ दिखाते हुए 112 पीआरवी डायल पर सूचना दी. मौके पर पहुंचे कांस्टेबल राजकुमार और रामकिशोर ने स्थानीय लोगों की मदद से बच्ची को सुरक्षित थाना अछल्दा लाया.
रोशनी की आपबीती सुन सब स्तब्ध
पूछताछ में रोशनी ने बताया चौंकाने वाला खुलासा किया कि वह सुबह 5 बजे घर से निकल आई. उसने कहा तीन दिन से मेरे पापा मुझे मार रहे हैं, कल मुझे छत से धक्का दे दिया और फिर हाथ-पैर बांधकर कमरे में बंद कर दिया. बच्ची ने बताया सुना है कि लोग ट्रेन से कटकर मर जाते हैं. इसलिए वो मरने आई है. मौका पाकर मैं घर से भाग आई. अब मैं घर नहीं जाना चाहती. परिवार में दो लड़के और तीन बेटियां हैं, रोशनी दूसरे नंबर की संतान है. बच्ची की आपबीती सुनकर मौजूद हर शख्स स्तब्ध रह गया.
बच्ची के पिता का नाम संतोष राजपूत है. उसके पांच बच्चे तीन बेटियां और दो बेटे हैं. रौशनी दूसरे नंबर की बच्ची है. थाने में बच्ची की बात सुनकर चंदन राजपूत नाम के एक व्यक्ति से उसे गोद लेने की इच्छा जाहिर की. चंदन टेलर हैं. साथ ही खेती करते हैं. उनके एक बेटा है, इसलिए वो एक बच्ची को गोद लेना चाहते हैं. इतना ही उन्होंने बच्ची के पिता के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई.