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Kanpur News: पानी में डूब गए घर, लोगों ने डाला छतों पर बसेरा, खाने-पानी को तरसे लोग, तस्वीरों में देखिए कानपुर देहात के हालात

Kanpur Flood Alert: यूपी में मानसून खूब बरस रहा है. यमुना का पानी खतरे के निशान के चार मीटर ऊपर बह रहा है. बाढ़ की चपेट में बहुत से गांव हैं. लोगों का हाल बाढ़ और बारिश से बेहाल है.

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कानपुर देहात में हालात बेकार
कानपुर देहात में हालात बेकार

आलोक त्रिपाठी/कानपुर देहात: यमुना का जलस्तर बढ़ने से लोगों की मुसीबतें बढ़ गई हैं. कानपुर देहात के दर्जनों गांव इस बाढ़ से प्रभावित है. ज़ी मीडिया की टीम नाव से भोगनीपुर तहसील क्षेत्र के क्योटरा गांव पहुंची जो पूरी तरह से जलमग्न हैं. लोग छतों पे चढ़े हुए हैं.

 

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तंबू बनाकर रह रहे लोग
तंबू बनाकर रह रहे लोग

कुछ लोग गांव से निकल कर गांव के बाहर तंबू में रह रहे हैं.  गांव के लोग जिस परेशानी से गुजर रहे हैं शायद कोई भी इसका अंदाजा नहीं लगा सकता. 

 

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नाव ही है एक सहारा
नाव ही है एक सहारा

लोगों को 4 कदम चलने के लिए भी नाव का सहारा लेना पड़ता हैं लेकिन नाव की संख्या इतनी नहीं जिससे लोगों को आने जाने मे दिक्कत न हो. पूरे गांव में सिर्फ़ दो से तीन नाव ही हैं जिसके भरोसे पूरा गांव है.

 

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खाने की परेशानी
खाने की परेशानी

ये लोग छत पर ही रूखा सूखा बना कर खा लेते हैं. खाने के पैकेट आते हैं वो भी गिने चुने. गांव से रोड तक जाने में नाव से घंटों का समय लग जाता है. यहां पर जो नाव हैं वो कुछ लोगों की हैं.  नाव चलाने वालों का कहना हैं कुछ नाव वालों को थोड़ा बहुत पैसा दिया जाता हैं सब लोगों को नहीं मिलता हैं और जितना मिलना चाहिए उतना नहीं मिलता हैं.

 

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लंच के पैकेट कम पड़ रहे
लंच के पैकेट कम पड़ रहे

मदद के नाम पर 5 से 6 छोटी छोटी पूड़ी सुखी सब्जी और एक लड्डू दिया जाता है और वो भी हर व्यक्ति को नहीं मिल पाता. गांव की छतों पर रह रहे लोगों ने बताया उन लोगों तक लंच पैकेट नहीं पहुंच पाते हैं. 

 

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बीमारों का हाल बुरा
बीमारों का हाल बुरा

हालात ऐसे हैं की अगर गांव में कोई बीमार होता हैं तो उसकी जान बचना बहुत मुश्किल हैं क्योंकि गांव से बाहर जाने का कोई रास्ता ही नहीं हैं .सिर्फ़ नाव ही एक साधन है और  गांव से रोड तक आने में घंटों लगते हैं.

 

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स्टीमर की व्यवस्था नहीं
स्टीमर की व्यवस्था नहीं

प्रशासन ने स्टीमर कि व्यवस्था नही की हैं. गांव मे कहीं 10 फीट तो कही 20 फीट तक पानी भरा हैं.  गांव के बाहर तो इससे भी ज्यादा पानी भरा हैं.  फिलहाल लोग बाढ़ की समस्या से परेशान हैं. 

 

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नाव से गए बाहर तो शाम तक आना मुश्किल
नाव से गए बाहर तो शाम तक आना मुश्किल

 प्रशासन द्वारा कोई समुचित मदद न मिलने से लोगों में काफ़ी नाराजगी हैं.  अगर गांव का कोई व्यक्ति नाव से सुबह गांव के बाहर चला जाता हैं तो वो शाम को ही गांव लौट पाता हैं.

 

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एक वाटरप्रूफ पंडाल
एक वाटरप्रूफ पंडाल

प्रशासन की तरफ से क्योटरा गांव के बाहर एक वाटरप्रूफ पंडाल बनाया गया है. इसमें लोगों की रहने की व्यवस्था की गई है और गांव के कई लोग वहां भी रह रहे हैं. लोगों की सैकड़ों एकड़ जमीन जलमग्न हो चुकी हैं. अब किसानों को उम्मीद हैं कि शायद सरकार उनके इस दुख की साथी बनेगी. अब देखना ये हैं कि लोगों को किस स्तर पर की मदद मिलती हैं

 





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