Kaushambi Hindi News/अली मुक्ता: हाल ही में आतंकी लाजर मसीह की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है. आतंकी गतिविधियों से जुड़े होने के चलते यूपी एटीएस (एंटी टेरर स्क्वॉड) ने मौके पर पहुंचकर मामले की गहन पड़ताल शुरू कर दी है. शुरुआती जांच में यह खुलासा हुआ है कि लाजर मसीह ने वाईफाई डोंगल का इस्तेमाल कर कई इंटरनेट कॉल किए थे.
जांच एजेंसियों को संदेह है कि लाजर मसीह के संपर्क में कई अन्य संदिग्ध लोग भी थे. अब एटीएस, एसटीएफ और खुफिया एजेंसियां इन सभी की कुंडली खंगालने में जुट गई हैं. संदिग्धों की तलाश में कौशांबी, कानपुर और लखनऊ समेत कई शहरों में ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है.
ऑस्ट्रेलिया कनेक्शन का खुलासा
लाजर मसीह के पास से बरामद मोबाइल फोन की जांच में ऑस्ट्रेलिया कनेक्शन सामने आया है। फोन में एक संदिग्ध सिग्नल ऐप अकाउंट पाया गया, जिसका नंबर ऑस्ट्रेलियाई कोड (43) से शुरू हो रहा था। इसके अलावा, अन्य चैट अकाउंट्स भी मिले हैं, जिनकी गहराई से जांच की जा रही है। पुलिस ने आतंकी के मोबाइल को फॉरेंसिक लैब भेजने की तैयारी कर ली है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने किन-किन लोगों से संपर्क किया था।
गिरफ्तारी के दौरान बरामद हुआ विस्फोटक और हथियार
यूपी एसटीएफ और पंजाब पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में कोखराज (कौशांबी) के सकाढ़ा डायवर्जन के पास से लाजर मसीह को गिरफ्तार किया गया था। उसके पास से 3 हैंड ग्रेनेड, 2 डेटोनेटर, 2 जेलेटिन रॉड, एक विदेशी पिस्टल, कारतूस, एक बिना सिम कार्ड वाला मोबाइल फोन बरामद हुआ.
फर्जी आधार कार्ड और ठिकानों की पड़ताल
लाजर मसीह के पास से फर्जी आधार कार्ड भी मिला, जिसमें उसका पता गाजियाबाद (रामप्रस्थ कॉलोनी, चंदर नगर) दर्ज था, जबकि असल में वह पंजाब के अमृतसर ग्रामीण थाना रामदास के कुरलियां गांव का निवासी है. अब पुलिस उसके ठिकानों की पुष्टि के लिए गाजियाबाद और पंजाब में जांच कर रही है.
महाकुंभ से पहले सुरक्षा कड़ी
महाकुंभ से पहले एटीएस ने 84 इंटरनेट कॉल्स ट्रेस कर एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया था. अब लाजर मसीह की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा एजेंसियां और ज्यादा सतर्क हो गई हैं.
पाकिस्तान से आता है असलहा, आतंकी लाजर ने कबूला सच
पूछताछ में लाजर मसीह ने यह स्वीकार किया है कि पाकिस्तान से असलहे मंगवाए जाते हैं. उसने बताया कि ड्रोन के जरिए पंजाब में हथियार गिराए जाते हैं, जिन्हें बाद में आतंकी संगठनों से जुड़े लोग अलग-अलग ठिकानों तक पहुंचाते हैं. इस बयान से पहले माफिया अतीक अहमद ने भी यही बात कबूली थी.
हथियारों की तस्करी और हवाला के जरिए फंडिंग
आतंकी संगठन ड्रोन के जरिए ऑटोमैटिक पिस्टल और हैंड ग्रेनेड भारत में भेजते हैं.
हवाला नेटवर्क के जरिए इनकी फंडिंग की जाती है.
इस नेटवर्क से जुड़े कई लोग अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश में छापेमारी जारी है.
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