UP Cabinet Meeting News Hindi: योगी सरकार ने औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. करीब दो दशक से बंद पड़ी आधा दर्जन कताई मिलों की 451.20 एकड़ बेकार पड़ी भूमि उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) को हस्तांतरित की जाएगी. सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्री परिषद की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. इस दौरान कुल 19 प्रस्तावों को मंजूरी मिली है.
बंद कताई मिलों की भूमि नए उद्योगों के लिए होगी इस्तेमाल
राज्य सरकार ने स्टेट यार्न कंपनी लिमिटेड, स्पिनिंग कंपनी लिमिटेड, राज्य वस्त्र निगम और सहकारी कताई मिल्स संघ की बंद मिलों की बेकार पड़ी भूमि को उपयोग में लाने का निर्णय लिया है. समीक्षा बैठकों में इन मिलों की भूमि यूपीसीडा को सौंपने और वहां नए उद्योग स्थापित करने के प्रस्ताव को तैयार करने के निर्देश दिए गए थे.
देनदारियों के निपटारे के लिए जारी की गई धनराशि
उत्तर प्रदेश सहकारी कताई मिल्स संघ लिमिटेड कानपुर की बंद पड़ी कताई मिलों पर सरकारी देनदारी और अन्य मदों में लगभग डेढ़ अरब रुपये का बकाया था. इस बकाया को खत्म करने के लिए दिसंबर 2024 में प्रदेश सरकार ने 150 करोड़ रुपये जारी करने का आदेश दिया था. इसमें कताई मिलों के अंशधारकों को 88 लाख रुपये, स्टोर और कच्चे माल की खरीद का बकाया, सिक्योरिटी डिपॉजिट एवं अन्य मदों के तहत 255.07 करोड़ रुपये का भुगतान शामिल था.
किन-किन मिलों की भूमि होगी हस्तांतरित?
सरकार द्वारा स्वीकृत प्रस्ताव के तहत उत्तर प्रदेश सहकारी कताई मिल्स संघ लिमिटेड कानपुर की निम्नलिखित बंद मिलों की भूमि यूपीसीडा को हस्तांतरित की जाएगी.
महमूदाबाद, सीतापुर – 71.02 एकड़
फतेहपुर – 55.31 एकड़
मऊआइमा, प्रयागराज – 85.24 एकड़
बहादुरगंज, गाजीपुर – 78.92 एकड़
कम्पिल, फर्रूखाबाद – 82.15 एकड़
बुलंदशहर – 78.56 एकड़
कुल भूमि – 451.20 एकड़