रुड़की। उत्तराखंड में 30 अप्रैल से चारधाम यात्रा की शुरुआत होने जा रही है. इसको लेकर धामी सरकार तैयारियों में जुटी हुई है. इस बार भी चार धाम यात्रा में भारी भीड़ जुटने की संभावना है, हालांकि एक चिंता की बात रहती है कि केदारनाथ-बद्रीनाथ से लेकर गंगोत्री-यमुनोत्री तक यात्रा पूरी कर लेने के बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालु वापस नहीं लौटते. इससे इस क्षेत्र में भीड़ और गाड़ियों का जमाव बढ़ता जाता है.
ऐसे में हरिद्वार से भाजपा सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चारधाम यात्रा को लेकर डी रजिस्ट्रेशन का सुझाव भी दिया है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में जितने भी तीर्थ हैं, सब उच्च हिमालयी क्षेत्र में हैं और वहां पर सड़क, खाने और रहने की व्यवस्था यात्रियों के लिए सीमित है. चारधाम यात्रा में रजिस्ट्रेशन करना बहुत अच्छा है, लेकिन अगर रजिस्ट्रेशन के साथ डी रजिस्ट्रेशन भी हो जाए तो पता लगता रहेगा कि चारधाम यात्रा में जितने यात्री आए हैं वो वापस गए हैं कि नहीं. इसलिए श्रद्धालुओं को सुरक्षित यात्रा करना सरकार की जिम्मेदारी है.
उधर, चार धाम यात्रा को लेकर गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने कहा, पिछले साल चारधाम यात्रा खत्म होने के तुरंत बाद ही मुख्यमंत् पुष्कर सिंह धामी ने अगले साल की यात्रा के लिए तैयारियां शुरू करने के निर्देश दिए थे. मुख्यमंत्री की ओर से कई बैठकें पहले ही की जा चुकी हैं. हमारी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. ट्रैफिक व्यवस्था, शुद्ध पेयजल, पार्किंग की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया गया है.
इस बार यात्रा मार्ग को 10-10 किलोमीटर के सेक्टरों में बांटा गया है, ताकि एक ही जगह पर ज्यादा भीड़ न जुटने पाए और आसानी से आवागमन हो सके. मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश हैं कि तीर्थयात्रियों को कोई असुविधा न हो. चारधाम यात्रा का पंजीकरण जारी है. अब तक लगभग 13.5 लाख श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया है.