Chardham Yatra 2025: चारधाम यात्रा 2025 की शुरुआत हो गई है. इसकी शुरुआत यमुनोत्री धाम से होती है. सनातन धर्म में इस यात्रा का खास महत्व है. भक्त लंबे समय से इसका इंतजार करते हैं. यह तीर्थयात्रा जिन चार पवित्र स्थलों के लिए जानी जाती है, उसमें यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ है. यह सभी तीर्थ स्थल देवी-देवताओं और पौराणिक घटनाओं से संबंधित हैं. कहते हैं यह यात्रा तकरीबन 1200 साल पुरानी है. इसकी परंपरा आदिगुरु शंकराचार्य ने की थी.
जानें चारधाम यात्रा का महत्व
चारधाम यात्रा को छोटा चारधाम भी कहते हैं. माना जाता है कि इन पवित्र स्थलों पर दिव्य आत्माओं का वास है. केदरनाथ धाम को महादेव का आराम का स्थल माना गया है तो बदरीनाथ धाम को 8वां बैकुंठ कहा गया है, जहां भगवान विष्णु 6 महीने निद्रा में तो 6 महीने जागते हैं. यमुनोत्री धाम यमुना नदी का स्त्रोत स्थल माना गया है तो गंगोत्री धाम को गंगा नदीं के स्त्रोत से जोड़कर देखा जाता है. कहते है यह यात्रा करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इतना ही नहीं सभी तरह के रोग व शोक भी दूर होने के साथ ही आध्यात्मिक विकास होता है.
खुल गए गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट?
अक्षय तृतीया पर गंगोत्री धाम के कपाट खुल गए हैं. देवी गंगा की डोली सुबह 9 बजे गंगोत्री धाम पहुंची. पूजा-अर्चना के बाद 10:30 बजे कपाट खोले गए. यमुनोत्री धाम के कपाट सुबह 11:55 बजे खुल गए. जिसके बाद देश विदेश से आए श्रद्धालु मां गंगा और यमुना के दर्शन करने वाले हैं. इस दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी मौजूद रहे. यह पहली बार था, जब कोई सीएम ने कपाट खुलने के दौरान अपनी हाजिरी लगाई. यह पवित्र चारधाम यात्रा का पहला पड़ाव माना जाता है. वहीं, केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई और बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खुलने वाले हैं.
कितने श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद?
अब अगर चारधाम यात्रा की बात करें तो पिछले साल भारी बारिश के बाद केदारनाथ मार्ग को नुकसान पहुंचा था. जिसकी वजह से यात्रा 15 दिनों से ज्यादा समय तक बाधित रही थी. फिर भी 48.11 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री पहुंचे थे. इस साल अब तक 20 लाख से ज्यादा श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं. इस बार यह आंकड़ा 60 लाख से ऊपर जाने की उम्मीद है.
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