Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ का समापन हो चुका है. महाकुंभ क्षेत्र को अलग जिला घोषित किया गया. ऐसे में एक जिले की तरह ही यहां पर अस्थाई पुलिस थानों और चौकियों का निर्माण बी कराया गया था. इसमें कुल 56 थाने और 155 पुलिस चौकियां शामिल थी. इसकी वजह थी कि मेला क्षेत्र में होने वाली सभी वारदात या घटना को पंजीकृत किया जा सके और उसकी जांच हो पाए. 45 दिनों तक चले मेले के दौरान कुल साढ़े चार सौ मुकदमे दर्ज किए गए हैं. जिसकी जांच मेले में तैनात पुलिस कर्मियों को सौंपी गई है.
कौन करेगा मामले का निपटारा?
मेला क्षेत्र में दर्ज एफआईआर को अब आस-पास के स्थाई थानों में शिफ्ट किया जा रहा है. इसमें दारागंज, झूंसी, कीडगंज और नैनी पुलिस कमिश्नरेट थाना शामिल है. इन सभी मामलों की विवेचना की जिम्मेदारी इन थानों के प्रभारियों पर होगी. इसके साथ ही इनकी विवेचना जल्द पूरी करने के आदेश भी पुलिस कमिश्नर ने दिए हैं. वहीं, मेला क्षेत्र में तैनात पुलिस कर्मी अपने मूल तैनाती वाले जिलों में जा चुके हैं. ऐसे में स्थाई थानों में तैनात पुलिस कर्मियों के लिए मेले के दौरान अस्थाई थानों में दर्ज एफआईआर की विवेचना पूरी करना एक चुनौती भरा काम है.
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कितने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर FIR?
महाकुंभ के दौरान शुरूआत से ही सोशल मीडिया पर फोटो और वीडियो खूब वायरल हुए. हालांकि, कई फर्जी वीडियो और अलग-अलग तरह की अफवाह फैलाने वाले फोटो भी खूब वायरल हुए थे. ऐसे में इस तरह के सोशल मीडिया अकाउंट पर एफआईआर दर्ज की गई थी. इसके अलावा कई सोशल मीडिया साइट्स पर संगम क्षेत्र में स्नान करते वीडियो और फोटो भी अपलोड किए गए थे. महाकुंभ पुलिस के रिकॉर्ड के हिसाब से ऐसे करीब 173 सोशल मीडिया अकाउंट के खिलाफ केस दर्ज किए गए थे. इन मामलों में सिर्फ एक बांदा के रहने वाले आरोपी को पकड़ा गया. उसको भी निजी मुचलके पर जमानत मिल गई. इतना ही नहीं अहमदाबाद की क्राइम ब्रांच की टीम ने तीन आरोपियों को पकड़ा था. इन तीनों में दो महाराष्ट्र और एक प्रयागराज का रहने वाला है.
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