Maha Kumbh 2025: प्रयागराज ने इस बार महाकुंभ के दौरान इतिहास रचते हुए विश्व पर्यटन मानचित्र पर अपनी अभूतपूर्व उपस्थिति दर्ज कराई है. 45 दिन के इस अभूतपूर्व आयोजन की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है. अभूतपूर्व इसलिए क्योंकि दुनियाभर के लोगों ने आस्था का ऐसा महासागर इससे पहले कभी किसी ने नहीं देखा. महाकुंभ 2025 के दौरान प्रयागराज में रेलवे ने टिकट बिक्री का एक नए कीर्तिमान को स्थापित किया है. रेलवे ने इस अवसर पर यात्रियों की सुविधा के लिए विशेष ट्रेनें चलाईं और टिकट बिक्री की प्रक्रिया को भी आसान बनाया.
कुल 186.99 करोड़ के टिकट बिके
महाकुंभ अवधि में प्रयागराज जिले के 9 रेलवे स्टेशनों से कुल 186.99 करोड़ के टिकट बिके. उत्तर मध्य रेलवे के चार स्टेशनों से 159.20 करोड़ उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के तीन स्टेशनों से 21.79 करोड़ और पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल के दो स्टेशनों से छह करोड़ के टिकट बिके. वहीं, उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के फाफामऊ, प्रयाग, संगम स्टेशन से 21.79 करोड़ के टिकट बेचे गए. वहीं, पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल के रामबाग, झूंसी रेलवे स्टेशन से छह करोड़ के टिकटों की बिक्री हुई.
45 दिन में 66 करोड़ तीस लाख से ज्यादा भक्तों ने संगम में डुबकी लगाई. हर दिन सवा करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु महाकुंभ में पहुंचे. 50 लाख से ज्यादा विदेशी भक्त आए. 70 से ज्यादा देशों के लोग प्रयागराज संगम पहुंचे. पूरी दुनिया ये देखकर हैरान है कि अमेरिका से दोगुनी आबादी और दुनियाभर के 100 से ज्यादा देशों की कुल पॉपुलेशन से ज्यादा लोग प्रयागराज पहुंचे थे.
अर्धकुंभ 2019 में कितने टिकट बिके
महाकुंभ में उत्तर मध्य रेलवे के चार स्टेशन प्रयागराज जंक्शन, सूबेदारगंज, नैनी और छिवकी में 11 जनवरी से 28 फरवरी तक 159.20 करोड़ के टिकट बिके, जबकि अर्धकुंभ 2019 में 86.65 करोड़ रुपये के टिकट ही बिके थे.
संगम क्षेत्र में 1.65 लाख यात्रियों ने खरीदे टिकट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टिकट खरीदने में संगम क्षेत्र भी खूब आगे रहा. यहां 1.65 लाख श्रद्धालुओं ने 3.11 करोड़ का टिकट खरीदा तो वहीं 4.41 लाख यात्रियों को ट्रेन के अंदर टीटीई द्वारा एमयूटीएस से 6.03 करोड़ का टिकट दिया गया.
प्रयागराज मंडल की कुल कमाई
जनवरी के महीने में पूरे प्रयागराज मंडल की कुल कमाई 306.06 करोड़ रुपये, जबकि लखनऊ मंडल ने कुल 358.07 करोड़ रुपये की कमाई की. कुल कमाई में पैसेंजरों के किराये के अलावा विज्ञापन, गुड्स, कैटरिंग, पार्किंग और अन्य यात्री सुविधाओं को भी शामिल किया गया है.
भारतीय रेलवे ने तीन हजार महाकुंभ विशेष ट्रेनों के संचालन की योजना बनाई थी, लेकिन भीड़ का दबाव बढ़ा तो सात हजार से अधिक ट्रेनें चलाई गईं. प्रयागराज जंक्शन, सूबेदारगंज, नैनी, छिवकी, रामबाग, झूंसी, फाफामऊ व प्रयागराज संगम (महाकुंभ में कुछ दिन ही संचालन हुआ) से इन ट्रेनों का संचालन हुआ. महाकुंभ की अवधि में 16,870 कुल ट्रेनें चलाई गईं.