राजवीर चौधरी/बिजनौर: यूपी के बिजनौर जिले में एक दिव्यांग महिला पात्र होते हुए भी नौकरी नहीं पा सकी. लेखपाल पर अपात्र की आय कम और पात्र की आय अधिक बनाकर खेल करने का आरोप लगा है. पीड़िता डीएम ऑफिस पहुंची और जिलाधिकारी से इंसाफ की गुहार लगाई. महिला की शिकायत पर डीएम ने जांच बिठाई है.
धामपुर तहसील का मामला
धामपुर तहसील के गांव साहनपुर नवादा की दिव्यांग महिला संगीता ने साल 2024 में अपने गांव में निकली आंगनवाड़ी पद पर भर्ती के लिए आवेदन किया था, गांव की अन्य महिलाओं ने भी आवेदन किया था. इस भर्ती में विभाग ने चयन का आधार पढ़ाई लिखाई नहीं बल्कि आय प्रमाण पर कम आय का होना तय किया था, उसी को आधार माना गया.
टॉप पर होने के बाद भी अपात्र हुई
पीड़ित संगीता मेरिट में टॉप पर होने के बावजूद आय प्रमाण पत्र 60 हजार का होने के चलते विभाग ने अपात्र घोषित कर दिया और लक्ष्मी को मेरिट में 5वें नंबर पर होने के बावजूद आय प्रमाण पत्र 42 हजार का होने के चलते पात्र घोषित कर नियुक्ति दे दी गई. इसकी वजह गांव का लेखपाल चंद्रभान सैनी बताया जा रहा. जिसकी कलम की वजह से एक दिव्यांग महिला अफसरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं.
लेखपाल पर लगे ये आरोप
आरोप है कि लेखपाल चंद्रभान ने लक्ष्मी के पति सौरभ जोकि पेशे से किसान हैं और उनके पास खेती की जमीन और ट्रैक्टर होने के बावजूद उनका आय प्रमाण पत्र 42 हजार का बना दिया और दिव्यांग महिला संगीता के पति पूरन सिंह जोकि पेशे से मजदूर हैं और कच्चे मकान में रहते हैं, उनका आय प्रमाण पत्र 60 हजार का बना दिया. जिसकी वजह से आंगनवाड़ी विभाग के अफसरों ने मेरिट मे दिव्यांग संगीता को सेकंड पॉजिशन पर कर दिया और लक्ष्मी को मेरिट में प्रथम स्थान पर कर उसको नियुक्त कर दिया.
आंगनवाड़ी विभाग ने नहीं माना दूसरा आय प्रमाण पत्र
पीड़ित दिव्यांग महिला संगीता और अन्य ग्रामीणों ने लेखपाल से आय प्रमाण 60 हजार का बनाये जाने के विषय मे पूछा तो लेखपाल ने कहा कि मुझसे गलती हो गयी और लेखपाल चंद्रभान ने 60 हजार का आय प्रमाण पत्र रद्द कर नया आय प्रमाण पत्र 42 हजार का जारी कर दिया उसके बाद आंगनवाड़ी विभाग ने संगीता का दूसरा आय प्रमाण पत्र नहीं माना.