यूपी में जाट लैंड कहे जाने वाले वेस्ट यूपी में राष्ट्रीय लोक दल की लोकसभा चुनाव के ठीक पहले बीजेपी के पाले में जाने की कवायद चौंकाने वाली है. हालांकि लंबे समय से सत्ता सुख से वंचित रालोद 2024 के चुनावी नतीजों का रुख भांपते हुए घाटा सहकर भी बीजेपी के साथ जाने के संकेत दे रही है. सपा के 7-8 सीटों के ऑफर पर बीजेपी में चार सीटों पर ही जयंत डील कर सकते हैं. कहा यह भी जा रहा है कि बदले में जयंत चौधरी को बीजेपी तीन ऑफर दे सकती है. इसमें जयंत चौधरी को मजबूत सीट से लड़ाने की पेशकश के अलावा उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाने और रालोद के नौ विधायकों में से एक या दो योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली यूपी सरकार में मंत्री बनाने का प्रस्ताव शामिल है.
जयंत चौधरी और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की खराब ट्यूनिंग की खबरों के बीच रालोद प्रमुख ने दो बड़े कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं.
इसमें पहला 12 फरवरी को पिता अजित सिंह की जयंती पर छपरौली में उनकी 12 कुंतल वजन आदमकद प्रतिमा का लोकार्पण का कार्यक्रम शामिल है. वेस्ट यूपी के इस कार्यक्रम में अखिलेश यादव को बुलाना पड़ता और गठबंधन धर्म की ऊहापोह के बीच यह फैसला शायद जयंत चौधरी ने लिया है.अब 12 फरवरी की जगह 24 फरवरी को अनावरण कार्यक्रम होना है.
मथुरा में 4 फरवरी को युवा सम्मेलन कार्यक्रम भी होना था. नए सियासी समीकरणों को देखते हुए रद्द कर दिया था. माना जा रहा है कि अब जयंत शायद अपनी ऊर्जा नए पार्टनर के साथ इन्वेस्ट करना चाहते हैं, इसलिए पहले से तय कार्यक्रम टालते जा रहे हैं.
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