Deoria Lok Sabha Chunav 2024: देवरहा बाबा की तपोस्थली देवरिया में सियासी तापमान चढ़ा हुआ है. इस लोकसभा सीट पर सातवें चरण में 1 जून को वोट डाले जाएंगे. चुनावी मैदान में कुल 7 उम्मीदवार हैं, लेकिन यहां सीथा मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच नजर आ रहा है. बसपा भी चर्चा में बननी हुई है. बीजेपी ने यहां से सिटिंग सांसद का टिकट काटकर नए चेहरे पर दांव लगाया है.
कौन-कौन प्रत्याशी
बीजेपी ने यहां से सिटिंग सांसद रमापति राम त्रिपाठी का टिकट काटकर नए चेहरे शशांक मणि त्रिपाठी पर दांव लगाया है. वह बीजेपी के पूर्व सांसद श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी के बेटे हैं. कांग्रेस ने यहां अखिलेश प्रताप सिंह को उतारा है. वह पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और विधायक रह चुके हैं. बसपा ने पूर्व विधायक आनंद यादव के बेटे संदेश यादव को टिकट दिया है. वह ग्राम प्रधान रह चुके हैं.
पांचों विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा
देवरिया लोकसभा सीट में 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिनमें देवरिया की 3 देवरिया सदर, रामपुर कारखाना, पथरदेवा और कुशीनगर की फाजिलनगर, तमकुहीराज शामिल हैं. विधानसभा चुनाव में सभी पांचों सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है. तमकुही राज से असीम कुमार, फाजिल नगर से सुरेंद्र कुशवाह, देवरिया से शलभ मणि त्रिपाठी, पथरदेवा से सूर्य प्रताप शाही और रामपुर कारखाना से सुरेंद्र चौधरी विधायक हैं.
1984 में आखिरी बार जीती कांग्रेस
1951 में में कांग्रेस ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी. इसके बाद यहां से सोशलिस्ट पार्टी ने बाजी मारी. 1962 से लेकर 1971 तक कांग्रेस से विश्वनाथ राय सांसद चुने गए. 1977 में जनता पार्टी से उग्रसेन सिंह जीते. 1984 में कांग्रेस यहां आखिरी बार जीती थी. 1996 में यहां पहली बार कमल खिला. सपा यहां 2004 में जीती थी.2014 में यहां से कलराज मिश्र और 2019 में रमा पति त्रिपाठी सांसद बने.
जातीय समीकरण
देवरिया लोकसभा सीट पर कुल 18.73 लाख मतदाता हं, जिनमें 9.91 लाख पुरुष मतदाता और 8.82 लाख महिला वोटर हैं. 109 थर्ड जेंडर वोटर हैं. यहां ओबीसी वोटर की अनुमानित संख्या सबसे ज्यादा 52 फीसदी के आसपास बताई जाती है. इसके अलावा 13.9 फीसदी मुस्लिम, अनुसूचित जाति के 14.2 फीसदी, अनुसूचित जनजाति के 3.1 फीसदी हैं. सामान्य मतदाताओं की संख्या 19 फीसदी की करीब है. इस सीट पर ब्राह्मण, राजपूत और कुर्मी वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं.