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यूपी में ट्रांसफर चाह रहे प्राइमरी शिक्षकों को झटका, अंतरजनपदीय समायोजन प्रक्रिया हाईकोर्ट ने की रद्द

Lucknow News: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया को रद्द कर दिया है. इस फैसले से विभाग द्वारा चल रही समायोजन प्रक्रिया पर रोक लग गई है. हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि गलतियो को सुधारा जाए. वहीं जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट के इस फैसले का असर सीनियर टीचर्स पर भी पड़ेगा. 

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यूपी में ट्रांसफर चाह रहे प्राइमरी शिक्षकों को झटका, अंतरजनपदीय समायोजन प्रक्रिया हाईकोर्ट ने की रद्द
Pradeep Kumar Raghav |Updated: Nov 07, 2024, 08:51 PM IST
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Lucknow/ Vishal Raghuavanshi: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया को रद्द कर दिया है. इस फैसले से विभाग द्वारा चल रही समायोजन प्रक्रिया पर रोक लग गई है. हाईकोर्ट ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि गलतियो को सुधारा जाए. वहीं जानकारी के मुताबिक हाईकोर्ट के इस फैसले का असर सीनियर टीचर्स पर भी पड़ेगा. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यूपी बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों की समायोजन प्रक्रिया को रद्द करने का आदेश दिया है. कोर्ट के इस फैसले से विभाग में चल रही समायोजन प्रक्रिया पर तुरंत प्रभाव से रोक लग गई है, जिससे बड़ी संख्या में शिक्षक प्रभावित हुए हैं.

कोर्ट ने आदेश में क्या कहा
कोर्ट ने अपने आदेश में विभाग को निर्देशित किया कि समायोजन से जुड़ी सभी गतिविधियों को तुरंत बंद किया जाए और समायोजन में हुई गलतियों को सुधारने के लिए उचित कदम उठाए जाएं. कोर्ट ने कहा कि ‘लास्ट कम फर्स्ट आउट’ नियम संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 के खिलाफ है, जिससे जूनियर शिक्षक बार-बार समायोजित होते रहते हैं और सीनियर शिक्षक एक ही जगह पर बने रहते हैं. इस आदेश का असर पूरे बेसिक शिक्षा विभाग पर दिखाई देगा, खासकर सीनियर शिक्षकों पर भी जो अब तक समायोजन प्रक्रिया से बाहर थे. इस फैसले के कारण 80-90% बेसिक स्कूल प्रभावित होंगे. हालांकि, जानकारों का मानना है कि इस आदेश के खिलाफ अपील दायर हो सकती है.

सरकार ने 30 छात्रों पर एक शिक्षक का अनुपात तय किया है, जिसमें शिक्षामित्र और अनुदेशकों को भी शामिल किया गया है ताकि छात्र-शिक्षक अनुपात पूरा हो सके. हालांकि, शिक्षामित्रों को सुप्रीम कोर्ट पहले ही 2017 में रद्द कर चुका है, और उनका मानदेय भी नियमित शिक्षकों के मुकाबले काफी कम है. इस बीच, शिक्षक भर्ती का इंतजार कर रहे अभ्यर्थी लंबे समय से भर्ती प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं. यूपी के कई अभ्यर्थी शिक्षक बनने के लिए बिहार जैसे पड़ोसी राज्यों में चले गए हैं, लेकिन उनकी प्राथमिकता हमेशा यूपी में नौकरी पाने की रही है.

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