UP DGP Prashant Kumar Reaction on Akhilesh Yadav Post: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी में थानेदारों की तैनाती को लेकर जातिवाद का आरोप लगाया है. अखिलेश यादव के आरोपों पर उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने चिंता व्यक्त की है. डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि जिम्मेदार पद पर बैठे लोगों को इस तरह भ्रामक बयान देने से बचना चाहिए.
डीजीपी बोले-इस तरह के भ्रामक बयानों से बचना चाहिए
दरअसल, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट भी साझा किया है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का आरोप है कि प्रदेश की योगी सरकार अधिकारियों के तबादले और तैनाती को लेकर पक्षपात कर रही है. अखिलेश यादव ने कहा कि, 'आगरा में पुलिस थानों में कुल 48 एसएचओ (थानेदार) तैनात हैं जिनमें पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) 15 हैं. बाकी सब ‘सिंह भाई लोग’ (ठाकुर समुदाय के लोग) हैं. वहीं, मैनपुरी में कुल 15 थानाध्यक्षों में पीडीए तीन और ‘सिंह भाई लोग’ 10 हैं. चित्रकूट में कुल 10 थानेदारों में पीडीए के दो और ‘सिंह भाई लोग’ पांच हैं. महोबा में 11 (थानाध्यक्षों) में, पीडीए के तीन और ‘सिंह भाई लोग’ छह हैं.'
आगरा और मैनपुरी के पुलिस कमिश्नर ने आरोपों का किया खंडन
अखिलेश यादव के इन आरोपों का डीजीपी प्रशांत कुमार ने खंडन किया है. डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि थानेदारों की तैनाती शासन के नियमों के अनुरूप की जा रही है. जो संख्या बताई जा रही है वह गलत है. उन्होंने कहा कि जिम्मेदार पद पर रहते हुए ऐसे भ्रामक बयान देने से बचना चाहिए. वहीं, अखिलेश यादव के आरोपों का आगरा पुलिस कमिश्नरेट और मैनपुरी पुलिस ने खंडन किया है. आगरा पुलिस कमिश्नरेट में 39 प्रतिशत ओबीसी, 18 प्रतिशत एससी जबकि 27 फीसदी ओबीसी की तैनाती है. वहीं, मैनपुरी में 31 प्रतिशत ओबीसी और 19 प्रतिशत एससी वर्ग के लोगों को तैनाती की गई है.
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