DGP Salary: पुलिस प्रशासन में डीजीपी यानी डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (DGP) की पोस्ट सबसे बड़ी होती है. वह संबंधित राज्य के पुलिस का मुखिया होता है. उत्तर प्रदेश के डीजीपी आईपीएस राजीव कृष्ण हैं. वह प्रदेश के पुलिस प्रशासन के मुखिया हैं. किसी भी राज्य के डीजीपी को वेतन के अलावा कई तरह की सुविधाएं भी मिलती है. अक्सर लोग जानना चाहते हैं कि डीजीपी की कितनी सैलरी होती है. आइए इस लेख में जानते हैं.
पुलिस महानिदेशक (DGP) यानि पुलिस आयुक्त को किसी भी दूसरे पुलिस अधिकारी की तुलना में सबसे ज्यादा वेतन मिलता है.डीजीपी को सातवें वेतन आयोग के अनुसार सैलेरी मिलती है. इसके तहत पुलिस महानिदेशक के समकक्ष रैंक के अधिकारियों का वेतन 2,05,000/- रुपये होती है, लेकिन डीजीपी का वेतनमान पदोन्नति के बाद बढ़कर 2,25,000 रुपये हो जाता है. डीजीपी को पे-मैट्रिक्स लेवल-17 (रुपये 2,25,000) मिलता है. उत्तर प्रदेश के डीजीपी को वर्तमान में लगभग 3.5-4 लाख रुपये मासिक वेतन मिलता है, जो 8वें वेतन आयोग के बाद बढ़कर 5-5.5 लाख रुपये तक पहुंच सकता है.
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DGP का सैलरी स्ट्रक्चर कितना होता है?
वर्तमान में उत्तर प्रदेश के डीजीपी को 7वें वेतन आयोग के अनुसार वेतन मिलता है. डीजीपी का पद भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) में सर्वोच्च स्तर पर होता है, जिसे एपेक्स स्केल कहा जाता है.
इस वेतनमान में मूल वेतन: लगभग 2,25,000 रुपये प्रति महीना
महंगाई भत्ता (डीए): वर्तमान 46% की दर से लगभग 1,03,500 RS
मकान किराया भत्ता (एचआरए): लगभग 67,500 रुपये (यदि सरकारी आवास न हो)
अन्य भत्ते: विशेष भत्ता, यातायात भत्ता, और अन्य लाभ मिलाकर लगभग 30,000 रुपये
इस प्रकार, सभी भत्तों को मिलाकर एक डीजीपी की कुल मासिक सैलरी लगभग 3.5 लाख से 4 लाख रुपये के बीच होती है.
हालांकि, अधिकांश DGP को सरकारी आवास, वाहन, सुरक्षा कर्मी और अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं, जिनका मोनेटरी वैल्यू इससे अलग है.
इसके अलावा क्या-क्या सुविधाएं?
किसी भी राज्य के डीजीपी को वेतन के अलावा कई तरह की सुविधाएं भी मिलती है. इसके तहत उन्हें महंगाई भत्ता (DA),यात्रा भत्ता (TA), हाउस रेंट अलाउंस (HRA),ड्राइवर, चपरासी, घरेलू नौकर, निजी सहायक, सरकारी वाहन सुविधा, आवासीय क्वार्टर (टाइप IV से टाइप VIII) या एचआरए, सीजीएचएस चिकित्सा सुविधा, अवकाश भत्ता/ यात्रा भत्ता आदि की सुविधाएं मिलती हैं.
8वें वेतन आयोग से संभावित बढ़ोतरी
केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग का गठन किया है, जिसके अनुशंसाओं के आधार पर सरकारी कर्मचारियों के वेतन में संशोधन किया जाएगा. विशेषज्ञों के अनुमान के अनुसार लगभग 25-30% की बढ़ोतरी संभावित है, जिससे डीजीपी का मूल वेतन बढ़कर लगभग 2,80,000 से 3,00,000 रुपये प्रति माह हो सकता है. नई गणना पद्धति के आधार पर महंगाई भत्ता समायोजित किया जा सकता है. पिछले वेतन आयोगों की तरह, 8वें वेतन आयोग में भी फिटमेंट फैक्टर का प्रावधान हो सकता है, जो मूल वेतन को और बढ़ा सकता है. इन सभी कारकों को मिलाकर, 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश के डीजीपी की कुल मासिक सैलरी लगभग 5 लाख से 5.5 लाख रुपये तक पहुंच सकती है.
आइपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण
उप्र पुलिस के नए मुखिया के रूप में 1991 बैच के आइपीएस अधिकारी राजीव कृष्ण हैं. प्रदेश में यह लगातार पांचवें कार्यवाहक डीजीपी के रूप में तैनात हैं. राजीव कृष्ण डीजी विजिलेंस के पद पर तैनात हैं और उनके पास अध्यक्ष/डीजी पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड का अतिरिक्त प्रभार भी है.
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