लखनऊ(मयूर शुक्ला): अगर आपके पास चौराहों पर लगे कैमरों से ऑनलाइन चालान पहुंचे तो सतर्क हो जाएं और एक बार उसमें छपी फोटो को जरूर देखें क्या पता गाड़ी का नंबर आपका ही हो लेकिन उस पर बैठा व्यक्ति और गाड़ी कोई दूसरी हो. कुछ ऐसे ही मामले इस समय राजधानी लखनऊ से सामने आ रहे हैं. शहर के प्रमुख चौराहों पर आईटीएमए सुविधा यानी कैमरे लगे हुए हैं. जहां से शहर के ट्रैफिक पर निगरानी की जाती है और ट्रैफिक का पालन न करने वालों के ऑनलाइन चालान भी किए जाते हैं लेकिन यह चालान सही व्यक्ति तक पहुंचेगा या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है.
स्प्लेंडर बाइक का चालान, फोटो में दिखी होंडा शाइन
सबसे पहले हम आपको लखनऊ के नितिन अवस्थी की कहानी बताते हैं जिनकी स्प्लेंडर गाड़ी का नंबर UP32PC 4723 है लेकिन उनके पास जो चालान आया है उसमें छपी तस्वीर में होंडा शाइन गाड़ी नजर आ रही है लेकिन नंबर प्लेट पर नजर डालें तो दोनों का नंबर एक है.
फोटो देख सन्न रह गया वाहन मालिक
नितिन ने बताया कि जब उनके पास चालान आया तो पहले वह उसे भरने जा रहे थे लेकिन जब तस्वीर पर नजर गई तो देखा कि उस फोटो में ना तो वह खुद हैं और ना ही उनकी गाड़ी. नितिन के पास बिना हेलमेट गाड़ी चलाने के लिए 1000 रुपये का चालान आया लेकिन नितिन का कहना है कि वह कभी भी बिना हेलमेट के घर से बाहर नहीं निकलते ऐसे में यह चालान पूरी तरह से गलत है जिसको लेकर मैं कई दिनों से परेशान हूं.
बाइक का चालान, फोटो में दिखी स्कूटी
अब हम आपको और भी ज्यादा आश्चर्यचकित करने वाला मामला बताते हैं. लखनऊ के ही शिवम शुक्ला के पास भी इसी तरह के एक नहीं बल्कि दो चालान आए हैं. और खास बात यह है कि दोनों चालान में गाड़ियां भी अलग हैं. शिवम शुक्ला के पास पैशन प्रो बाइक है. जिसका नंबर UP32JY 1311 है.
क्या बोला पीड़ित?
शिवम ने बताया की सबसे पहले जब उनके पास चालान आया तो फोटो में अपाचे गाड़ी नजर आई जिसके बाद उन्हें संदेह हुआ और उन्हें लगा कि शायद यह गलती से आ गया होगा लेकिन जब उनके पास दोबारा चालान पहुंचा तो उस फोटो में पीले कलर की स्कूटी नजर आई यह सब देखकर शिवम दंग रह गए कि ट्रैफिक नियमों का पालन न करके गाड़ी तो कोई और चला रहा है लेकिन चालान उनके पास आ रहे हैं जबकि फोटो में ना वह खुद हैं और ना उनकी गाड़ी बस एक जैसा कुछ है तो वह है नंबर प्लेट.
क्या बोले लखनऊ डीसीपी?
वहीं इस मामले में लखनऊ के डीसीपी ट्रैफिक प्रबल प्रताप सिंह ने बताया कि ऐसा कई बार कैमरे से धुंधली फोटो आने पर भी हो जाता है इसके बाद अगर कोई हमारे पास ऐसी शिकायत लेकर आता है तो उसकी जांच करवा कर हम उसके चालान को माफ कर देते हैं लेकिन कई बार नंबर प्लेट का फ्रॉड करने वाले जालसाज भी हमारी गिरफ्त में आए हैं जो किसी और गाड़ी का रजिस्टर्ड नंबर अपनी गाड़ी में लगाकर शहर में घूमते हैं और कैमरे से फोटो का चालान असली मालिक के पास पहुंचता है जबकि उनकी कोई गलती नहीं होती.
राजधानी लखनऊ में किस तरह से फर्जी चालान लोगों तक पहुंच रहे हैं. होशियार लोग तो चालान नहीं भरते और पुलिस से शिकायत करते हैं लेकिन मासूम लोग डर के चलते चालान भर देते हैं. अगर यह चालान कैमरे की कमजोर नजर की वजह से हो रहे हैं तो इसके जिम्मेदारी कौन लेगा और अगर शहर में नकली नंबर प्लेट लगाकर जालसाज घूम रहे हैं तो आखिर उनकी धरपकड़ कब तक होगी यही बड़ा सवाल लोगों के जेहन में बसा हुआ है.