Gonda News/अतुल कुमार यादव: उत्तर प्रदेश के गोंडा में सरकारी खाद की कालाबाजारी और अधिक दर पर बिक्री (ओवररेटिंग) को लेकर जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है. जिला कृषि अधिकारी चंद्रप्रकाश सिंह के नेतृत्व में लगातार अभियान चलाया जा रहा है. अब तक 9 दुकानों के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं, जबकि 10 दुकानदारों को नोटिस जारी किए गए हैं. साथ ही 3 दुकानों पर खाद की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई है.
अधिकारियों ने बताया कि इन दुकानों पर खाद का स्टॉक मेंटेन नहीं था और पीओएस मशीन से बिक्री नहीं की जा रही थी. साथ ही, ओवररेटिंग की भी शिकायतें लगातार मिल रही थीं, जिस पर सख्त कार्रवाई की गई.
जिले में फिलहाल इफको और निजी विक्रय केंद्रों पर 9,000 मीट्रिक टन खाद उपलब्ध है. खाद की किल्लत को दूर करने के लिए प्रशासन ने एक नई व्यवस्था लागू की है जिसके तहत निजी कंपनियों की खाद का 40% वितरण साधन सहकारी समितियों के माध्यम से कराया जाएगा, जबकि 60% खाद निजी दुकानों के जरिए वितरित होगी.
जिला कृषि अधिकारी चंद्रप्रकाश सिंह ने कहा, "जिले में खाद की कोई कमी नहीं है. अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है. जहां भी शिकायतें मिलती हैं, तत्काल छापेमारी कर कार्रवाई की जाती है."
वहीं, जिला अधिकारी (डीएम) नेहा शर्मा ने भी आश्वस्त किया कि किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराई जा रही है. उन्होंने कहा कि खाद वितरण की व्यवस्था पर सतत निगरानी रखी जा रही है ताकि किसानों को किसी तरह की समस्या न हो.